सहकारिता क्षेत्र तेजी से प्रगति कर रहा है, इसे और बुलंदियोें तक ले जायेंगे -श्री जेपीएस राठौर
- सहकारिता क्षेत्र बहुआयामी है
- उ0प्र0 बीमारू राज्य से बना एचीवर प्रदेश
- प्रदेश के सभी जिलों तथा ब्लाकों इसी तरह की कार्यशाला का किया जायेगा आयोजन
लखनऊ: 05 जुलाई, 2023
सहकारिता क्षेत्र बहुआयामी है। देश की लगभग 60 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है जो कि कृषि पर निर्भर है। सहकारिता विभाग कृषि एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था की उन्नति के लिए कार्य करता है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कहा कि ग्रामीण भारत की उन्नति का माध्यम सहकारिता ही हो सकती है। यह बातंे प्रदेश के सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जेपीएस राठौर ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के मरकरी हाल में उ0प्र0 को-आपरेटिव बैंक लि0 द्वारा आयोजित प्रदेश सहकारी कार्यशाला में कही। कार्यशाला का शुभारम्भ सहकारिता मंत्री द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। इस अवसर पर सहकारिता मंत्री ने जिला सहकारी बैकों के नवनिर्वाचित अध्यक्षों को सम्मानित किया।
कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए श्री राठौर ने कहा कि जब से केन्द्र में अलग से सहकारिता मंत्रालय बना है तथा श्री अमित शाह जी केन्द्रीय सहकारिता मंत्री बने हैं तब से सहकारिता क्षेत्र ने नई ऊचाइयां प्राप्त की है और आगे भी यह निरंतर प्रगति पथ पर अग्रसर रहेगा। उन्होंने कहा कि एक समय उ0प्र0 को बीमारू राज्य का दर्जा मिला हुआ था, लेकिन आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चमत्कारिक नेतृत्व एचीवर प्रदेश है।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि सहकारिता विभाग आज आईजीआरएस तथा सीएम दर्पण डैशबोर्ड की रैकिंग में पहले स्थान पर है। इसके साथ ही उ0प्र0 कोआपरेटिव बैंक को सेवोत्तम प्रमाण मिला है। आज बैंक की सभी 40 शाखायें लाभ की स्थिति में है। उ0प्र0 सहकारी ग्राम विकास बैंक ने भी 100 करोड़ रूपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया है।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि आगामी समय में प्रदेश के सभी जिलों तथा ब्लाकों इसी तरह की कार्यशाला का आयोजन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि किसानों को नैनो यूरिया की जानकारी के लिए प्रेरित किया जाए तथा नैनो यूरिया की जानकारी देने के लिए ब्लाक स्तर पर वर्कशाप का आयोजन किया जाये। श्री राठौर ने कहा कि किसी को कोई समस्या हो तो उन्हें अवगत करायें, सभी की समस्याओं का समाधान किया जायेगा। प्रदेश में मा० मुख्यमंत्री जी के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में सहकारिता से सम्बन्धित भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रम का सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सहकारिता क्षेत्र तेजी से प्रगति कर रहा है, हम सब मिलकर इसे और बुलंदियोें तक ले जायेंगे।
कार्यशाला में प्रमुख सचिव सहकारिता श्री बी0एल0 मीणा ने कहा कि नाबार्ड तथा आरबीआई के द्वारा समय-समय पर जारी गाइडलाइन का अध्ययन अवश्य करें। उन्होंने कहा कि एफपीओ को पैक्स से जोड़ने के साथ-साथ नये सदस्यों को भी सम्मिलित किया जाये। श्री मीणा ने कहा कि देश की जीडीपी में सहकारिता क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान है, इसे और बढ़ाने की आवश्यकता है।
मुख्य महाप्रबंधक नाबार्ड श्री संजय कुमार दोरा ने कहा कि सभी पैक्स का कम्प्यूटराइजेशन कराया जा रहा है और उ0प्र0 इसमें प्रथम स्थान पर है। उन्होंने कहा कि इससे बिजनेस बढ़ेगा तथा कार्य में पारदर्शिता आयेगी। आरबीआई के उप महाप्रबंधक श्री अविनाश ने सभी बैंक अध्यक्षांे से कहा कि बोर्ड की नियमित बैठक करें। उन्होंने कहा कि आरबीआई की निर्देशांे का पालन अवश्य करंें।
कार्यशाला में प्रबंध निदेशक उ0प्र0 को-आपरेटिव बैक श्री आर0के0 कुलश्रेष्ठ ने विभाग के विभिन्न क्रियाकलापों की जानकारी दी तथा प्रदेश के त्रिस्तरीय को-आपरेटिव ढांचे का प्रस्तुतीकरण किया गया। राज्य विपणन प्रबन्धक इफको द्वारा इफको के नैनो यूरिया एवं नैनो डी०ए०पी० के प्रयोग तथा उससे होने वाले लाभ से अवगत कराया गया।
उक्त कार्यशाला में विभिन्न जनपदों में सहकारिता क्षेत्र में किये गये अभिनव प्रयोगों का प्रस्तुतीकरण किया गया, साथ ही साथ भारत सरकार द्वारा सहकारिता क्षेत्र में लागू की गयी नयी योजनाओं एवं कार्यक्रमों का प्रस्तुतीकरण भी किया गया। बैंकिंग परिदृष्य में आये बदलाव के सम्बन्ध में वित्तीय सलाहकार श्री पी0के0 अग्रवाल द्वारा प्रस्तुतीकरण दिया गया। कार्यशाला में प्रदेश स्तर पर तैयार कराये जा रहे डेटाबेस एवं बिजनेस करेस्पॉन्डेन्ट से सम्बन्धित डेटाबेस से होने वाले लाभ व उसके प्रभावों का विस्तृत विवरण भी प्रस्तुत किया।
प्रदेश में संचालित 7479 बी पैक्स हेतु उपविधियों का अंगीकरण किया जा चुका है, जिससे ये पैक्स स्तर पर बहुद्देश्यीय व्यवसायों को करने हेतु स्वतन्त्र हैं। ए.आई.एफ. योजनान्तर्गत प्रदेश स्तर पर 727 गोदामों के निर्माण की स्वीकृति के सापेक्ष 243 गोदामों के निर्माण का कार्य पूर्ण हो चुका है, साथ ही बी पैक्स के कम्प्यूटराइजेशन हेतु प्रथम चरण में 1539 समितियों का चयन किया जा चुका है। कम्प्यूटराइजेशन के उपरान्त समितियों के क्रियाकलापों पर पारदर्शिता आयेगी।
इस सहकारी कार्यशाला में जिला सहकारी बैंकों के सचिव/मुख्य कार्यपालक अधिकारी एवं पी०सी०एफ० के क्षेत्रीय प्रबन्धक एवं जिला प्रबन्धक तथा प्रदेश के समस्त सहायक आयुक्त एवं सहायक निबन्धकों, उप आयुक्त एवं उप निबन्धकों, संयुक्त आयुक्त एवं संयुक्त निबन्धकों तथा अपर आयुक्त एवं अपर निबन्धकों द्वारा प्रतिभाग किया गया। उ0प्र0 को-आपरेटिब बैंक के सभापति श्री तेजवीर सिंह ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर उप सभापति श्री जितेन्द्र बहादुर सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष श्री बृजबहादुर, अपर आयुक्त व निबन्धक (बैंकिंग) श्रीमती बी. चन्द्रकला, प्रबंध निदेशक उ0प्र0 सहकारी ग्राम विकास बैंक श्री शशि रंजन राव एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहें।