2 किस्तों में देगी 2000 रुपए भरण-पोषण भत्ता; साथ ही जनवरी में जारी होगी पहली किस्त

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी सरकार (Yogi Government) इस चुनावी माहौल में राज्य के कामगारों को राहत देते हुए बड़ी सौगात देने जा रही है. इस दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने असंगठित क्षेत्र (unorganized sector) के मजदूरों को भरण पोषण भत्ता (living allowance) देने की तैयारी कर ली है. बता दें कि सरकार राज्य के पंजीकृत मजदूरों को 1000-1000 रुपए की दो किस्तों में भरण पोषण भत्ता देगी. इसके लिए श्रम विभाग ने शासनादेश जारी कर दिया है. वहीं, भत्ते की यह रकम असंगठित क्षेत्र के उन सभी मजदूरों को मिलेगी जो 31 दिसंबर तक उत्तर प्रदेश असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा बोर्ड में रजिस्ट्रर्ड होंगे.

दरअसल, योगी सरकार ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान पेश किए गए करेंट फाइनेंशियल ईयर के दूसरे सप्लीमेंट्री बजट में यह राशि देने का इंतजाम किया है. इसके अलावा राज्य सरकार ने श्रमिकों को 2000 रुपए भरण-पोषण भत्ता देने के लिए 4 हजार करोड़ रुपए की व्यवस्था की है. फिलहाल उत्तर प्रदेश असंगठित कर्मकार बोर्ड में अब तक लगभग 2.5 करोड़ मजदूरों का रजिस्ट्रेशन किया जा चुका है. यह रकम सीधे मजदूरों के बैंक खातों में भेजी जाएगी. साथ ही बीते 2 महीनों के लिए मजदूरों को भत्ते की पहली किस्त के तौर पर 1000 रुपए जनवरी में देने की तैयारी की जा रही है. हालांकि यह राशि उत्तर प्रदेश असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा बोर्ड के माध्यम से दी जाएगी.

बता दें कि श्रम विभाग के बोर्ड सचिव को योजना से लाभान्वित होने वाले मजदूरों को आधार से लिंक कराने का निर्देश दिया है. वहीं, जिन कामगारों को बोर्ड की ओर से किसान सम्मान निधि या अन्य किसी भी माध्यम द्वारा भरण-पोषण भत्ता दिया जा रहा है, उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा. ऐसे में कोरोना की संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर राज्य सरकार की कोशिश है कि भरण-पोषण भत्ता वितरण के लिए जरूरी प्रकियाएं जल्द ही पूरी कर ली जाएं. ऐसे में प्रदेश सरकार स्ट्रीट वेंडर्स, ऑटो चालक, रिक्शा चालाक, ई-रिक्शा चालक,पल्लेदारों, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के नाई, दर्जी, मोची, कुम्हार, लोहार, बढ़ई और अन्य कैटागिरी के श्रमिकों को भरण पोषण योजना का लाभ देगी.

गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के दौरान देशभर में व्यापी लॉकडाउन किया गया था. ऐसे में सभी तरह के कामों पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई थी. इसकी कारण प्रदेश में रोज खाकर कमाने वाले लोगों के लिए जिंदगी बसर करने के लिए रोजाना मेहनताना मिलना बंद हो चुका था. ऐसे लोगों के लिए कोरोना से ज्यादा बड़ी परेशानी बिना काम के घर पर रहना था. इसलिए राज्य सरकार ने दिहाड़ी मजदूरों की रोज़ी रोटी की व्यवस्था करने के उद्देश्य से इस योजना की शुरूआत की है. वहीं, इस योजना के तहत योगी सरकार ने दिहाड़ी मजदूर और कंस्ट्रक्शन मजदूरों को 1-1 हजार रुपए भरण पोषण भत्ता देने का फैसला लिया है. जिससे वे खराब समय में अपना रोजमर्रा का जीवन बिना किसी परेशानी के जी सकें.

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