2500 सोलर मास्ट लाइटिंग सिस्टम से लैस होंगे प्रदेश के कई जिले
- उत्तर प्रदेश में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने की दिशा में सीएम योगी की मंशा अनुरूप तैयार की गई विस्तृत
कार्ययोजना को किया गया क्रियानवित* - उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा अभिकरण (यूपीनेडा) ने शुरू की प्रक्रिया, 29.78 करोड़ रुपए से कार्यों
को किया जाएगा पूरा* - यूपीनेडा ने एजेंसी निर्धारण प्रक्रिया के लिए मांगे आवेदन, कार्यावंटन के बाद 4 महीने में कार्यों को पूरा करने
की डेडलाइन निर्धारित* - लैंड बैंक मैनेजमेंट एप्लिकेशन व विभिन्न स्कीमों को बढ़ावा देने के लिए आईवीआर व डैशबोर्ड मॉनिटरिंग
सिस्टम के भी विकास पर कार्य कर रहा यूपीनेडा*
लखनऊ, 1 जुलाई। उत्तर प्रदेश की उन्नति का मार्ग प्रशस्त कर रही योगी सरकार प्रदेश में सौर ऊर्जा व
स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए भी लगातार प्रयास कर रही है। प्रदेश में सौर ऊर्जा के प्रसार को बढ़ाने व
आम लोगों में इसके प्रति जागरूकता लाने के भी विभिन्न प्रयास कर रही है। ऐसे में, प्रदेश के विभिन्न जिलों
को सौर ऊर्जा चालित सोलर मास्ट लाइटिंग सिस्टम से लैस करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
उल्लेखनीय है कि सीएम योगी की मंशा अनुसार उत्तर प्रदेश में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए एक विस्तृत
कार्ययोजना तैयार की गई थी। इस कार्ययोजना को क्रियान्वित करते हुए उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय
ऊर्जा अभिकरण (यूपीनेडा) ने प्रदेश के विभिन्न जिलों को 2500 सोलर मास्ट लाइटिंग से लैस करने के लिए
ई-निविदा माध्यम के जरिए एजेंसी निर्धारण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस प्रक्रिया के पूरा होने पर कार्य प्राप्त
करने वाली एजेंसी को 4 माह के भीतर 29.78 करोड़ रुपए की लागत से इन लाइट्स की सप्लाई, इंस्टॉलेशन,
टेस्टिंग, व कमीशनिंग प्रक्रिया को पूर्ण करना होगा। इन कार्यों को अतिरिक्त, लैंड बैंक मैनेजमेंट पोर्टल व
विभिन्न स्कीमों को बढ़ावा देने के लिए आईवीआर तथा डैशबोर्ड मॉनिटरिंग सिस्टम के भी विकास कार्य पर
यूपीनेडा फोकस कर रही है।
5 वर्ष की वारंटी युक्त होगा सोलर मास्ट लाइटिंग सिस्टम
योजना के अनुसार, प्रदेश के विभिन्न जिलों की चयनित साइट्स पर सोलर पीवी ह्वाइट एलइडी लाइट हाई
मास्ट लाइट सिस्टम को लगाया जाएगा। ये सौर ऊर्जा चालित मास्ट लाइट्स कई मायनों में विशिष्ट हैं। यह
लिथियम फेरो फॉस्फेड बैटरी बेस्ड सिस्टम होगा जो 12.8 वोल्ट कैपेसिटी पर कार्य करेगा और ह्वाइट लाइट
होने के बावजूद यह अल्ट्रा वॉयलेट रेज का एमीशन नहीं करेगा। यह 135 ल्यूमेंट प्रतिवाट के हिसाब से प्रकाश
उत्पन्न करेगा। यानी, आउटडोर्स में ये लाइटें प्रकाश तो अच्छा उत्पन्न करेंगी ही साथ ही जीरो से लेकर 60
डिग्री तक के तापमान में भी यह आसानी से संचालित हो सकेंगीं। इन लाइटों को लगाने वाली एजेंसी द्वारा न
केवल इनकी गुणवत्ता को सुनिश्चित करेगी बल्कि 5 वर्ष के वारंटी पीरियड के अंतर्गत संचालन व रखरखाव की
प्रक्रिया को भी सुनिश्चत करेगी।
लैंड बैंक मैनेजमेंट एप्लिकेशन के विकास पर हो रहा काम
यूपीनेडा द्वारा लैंड बैंक मैनेजमेंट एप्लिकेशन के विकास के लिए भी कार्य शुरू कर दिया गया है। इस क्रम में,
यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीएलसी) को जिम्मा सौंपा गया है जो अपने यहां इंपैनल्ड सॉफ्टवेयर
डेवलमेंट एजेंसी के जरिए इस कार्य को पूर्ण कराएगी। कार्य के पूरा होने के उपरांत यूपीनेडा की वेबसाइट पर
लैंड बैंक पोर्टल के जरिए आउटलाइन एप्लिकेशन मैनेजमेंट, रेगुलर कॉम्पलायंस, डॉक्यूमेंट्स व कॉन्ट्रैक्ट्स
एसेसमेंट, टेनेंट व फाइनेंशियल मैनेजमेंट जैसे तमाम कार्यों को बेहतर तरीके से पूरा कर सकेगा। साथ ही,
हितधारकों के साथ संवाद कायम करने में भी यह एक अच्छा माध्यम साबित होगा। यह एप्लिकेशन 3 टीयर
बेस्ड सिस्टम पर आधारित होगी।
जेनरेटिव एआई बेस्ड आईवीआर व डैशबोर्ड मॉनिटरिंग सिस्टम से लैस होगा यूपीनेडा
एक ओर, यूपीनेडा द्वारा लैंड बैंक मैनेजमेंट एप्लिकेशन के विकास की प्रक्रिया शुरू की गई है, वहीं दूसरी ओर
वह पीएम सूर्य घर योजना तथा पीएम कुसुम योजना के अंतर्गत होने वाले कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए
जेनरेटिव एआई बेस्ड आईवीआर व डैशबोर्ड मॉनिटरिंग सिस्टम का विकास भी करवा रही है। यूपीनेडा द्वारा इस
कार्य का जिम्मा भी यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीएलसी) को ही सौंपा गया है। गौरतलब है कि
यूपीनेडा द्वारा पराली को बायो फ्यूल में कन्वर्ट करने के लिए एक ऐसे पोर्टल का विकास किया जा रहा है जहां
किसान पराली बेच सकेंगे और यूपीनेडा इस पराली को बायो फ्यूल में कन्वर्ट कर सकेगा। इस पोर्टल के विकास
के साथ ही अब जेनरेटिव एआई की मदद से आईवीआर व डैशबोर्ड मॉनिटरिंग सिस्टम का भी विकास किया जा
रहा है। यह पीएम सूर्य घर योजना तथा पीएम कुसुम योजना के अंतर्गत लाभान्वितों को ट्रैक व मॉनिटर करने
में सक्षम होगा।