गोवा और पाकिस्तान के मुद्दे पर खराब हुए थे भारत और ब्राजील के संबंध, जानें क्या था मामला
ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो इस बार गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथी हैं। वह शुक्रवार को भारत आने वाले हैं। पीएम मोदी ने उन्हें इस खास समारोह में शामिल होने का न्यौता बीते वर्ष नवंबर में ब्राजील में ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान दिया था। आपको यहां पर ये भी बता दें कि ब्राजील दक्षिण अमेरिकी देशों में सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था वाला देश है। इसके अलावा ये तीसरा मौका है कि जब गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथी के तौर पर ब्राजील के राष्ट्रपति इस समारोह में शामिल हो रहे हैं। इससे पहले 1996 में राष्ट्रपति फरनांडो हेनरिक कारडोसोर और 2004 में राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला ड सिल्वा भी गणतंत्र दिवस में बतौर मुख्य अतिथी बनकर समारोह की शोभा बढ़ा चुके हैं।
2016 के बाद पहला मौका
वर्ष 2016 के बाद यह पहला मौका है जब ब्राजील का कोई राष्ट्रपति भारत दौरे पर आ रहा है। इससे पहले वर्ष 2016 में ब्राजील के तत्कालीन राष्ट्रपति मिशेल तेमर भारत के दौरे पर आए थे। इसके बाद पिछले वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स (Brazil-Russia-India-South Africa-BRICS) सम्मेलन में हिस्सा लेने ब्रासिलिया गए थे।
सदियों पुराने हैं संबंध
भारत और ब्राजील के बीच कूटनीतिक संबंधों की बात करें तो 1948 में ये स्थापित हुए थे। इसी दौरान भारत ने ब्राजील की राजधानी रियो द जेनेरियो में अपना दूतावास खोला था। अगस्त 1971 में इस दूतावास को ब्रासिलिया में ट्रांसफर कर दिया गया था। हालांकि इन संबंधों के इतिहास की बात करें तो यह कई शताब्दी पुराने हैं। इनकी शुरुआत एल्वस सेबरल के भारत आने से शुरू हुई थी। सन 1500 में सेबरल ने ही ब्राजील की खोज की थी। जब भारत की खोज के बाद बास्को डी गामा वापस पहुंचा था तब पुर्तगाल के राजा ने सेबरल को भारत भेजा था। आपको जानकर हैरत होगी कि ब्राजील में भारतीय पशु लोगों की पहली पसंद हैं। यही वजह है कि वहां पर ज्यादातर पशु भारतीय मूल के हैं।
लगातार सुधरे रिश्ते
आपको यहां पर ये भी बता दें कि दोनों ही देशों के बीच रिश्ते बनते बिगड़ते रहे हैं। लेकिन इन बनते बिगड़ते रिश्तों के बीच यह भी सच है कि दोनों ही देशों के बीच व्यापारिक रिश्ते लगातार सुधरे हैं। विदेश मंत्रालय की तरफ से दिए गए बयान में कहा गया दोनों देशों के बीच रिश्ते हमारे डेमोक्रेटिक वैल्यू और कॉमन ग्लोबल विजन पर आधारित है। भारत की तरफ से पीएम मोदी ने पहली बार बाइलेट्रल इंवेस्टमेंट ट्रीटी पर साइन किया था।वर्तमान में भी जब राष्ट्रपति बोलसोनारो अपने सात मंत्रियों के साथ भारत आने वाले हैं तो यह दोनों देशों के बीच मजबूत होते संबंधों को ही दर्शाता है। इनके अलावा ब्राजील से आने वाले मेहमानों में ब्राजील के करीब 80 बड़े बिजनेसमेन भी है।
खास मायने रखता है ये दौरा
गणतंत्र दिवस समारोह से इतर भी बोलसोनारो का भारत दौरा काफी मायने रखता है। आपको बता दें कि इस दौरान दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में करीब पंद्रह समझौतों पर हस्ताक्षर हो सकते हैं। माना जा रहा है कि यह समझौते दोनों देशों के बीच भविष्य के मजबूत रिश्तों की नींव रखने में काफी सहायक साबित होंगे। इस समझौतों में ऊर्जा, कृषि और रक्षा सौदे शामिल हैं।
द्विपक्षीय व्यापार
गौरतलब है कि भारत और ब्राजील के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2018-19 में करीब 8.2 बिलियन डॉलर का रहा है। इसमें भारत ने जहां ब्राजील को एग्रो-केमिकल, सिंथेटिक यार्न, ऑटो पार्ट्स, फार्मासूटिकल्स, पेट्रोलियम प्रॉडेक्ट्स का बड़ा एक्सपोर्ट किया वहीं ब्राजील से क्रूड ऑयल, गोल्ड, वेजिटेबिल ऑयल, चीनी, मिनरल्स इंपोर्ट भी किया है। इसके अलावा भारतीय कंपनियों ने इस दौरान करीब छह बिलियन डॉलर का निवेश ब्राजील में किया है। हालांकि ब्राजील द्वारा भारत में किया गया निवेश इसकी तुलना में काफी कम है।