बजट 2020: कागज पर सीमा शुल्क बढ़ाए सरकार
कागज के भारी पैमाने पर आयात से घरेलू उद्योगों के हितों की हिफाजत की दिशा में सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदमों से उत्साहित घरेलू कागज उद्योग नेआगामी बजट में आयातित कागज पर सीमा शुल्क बढ़ोतरी की मांग की है।
भारत का कागज उद्योग 70 हजार करोड़ रुपये का है। भारतीय बाजार में बड़ी मात्रा में आयातित कागज पहुंचता है। इंडियन पेपर मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन (आईपीएमए) ने बजट से अपनी उम्मीद जाहिर करते हुए कहा कि देश में कम या शून्य आयात शुल्क विशेष रूप से मुक्त व्यापार संधि (एफटीए) के प्रावधानों का लाभ उठाते हुए कई बड़े पेपर उत्पादक देश भारतीय बाजार को लक्ष्य बना रहे हैं।
आईपीएमए के अनुसार वैश्विक आर्थिक परिदृश्य को देखते हुए भारतीय पल्प एवं पेपर उद्योग संकट में है। बड़े पेपर उत्पादक देश तेजी से उभरते भारतीय बाजार में बड़ी मात्रा में पेपर और पेपरबोर्ड का नियार्त कर रहे हैं। इन देशों में इंडोनेशिया और चीन शामिल हैं, जहां के
मैन्यूफैक्चरर्स को नियार्त पर बड़े इन्सेंटिव मिलते हैं। साथ ही उन्हें सस्ता कच्चा माल और ऊर्जा भी उपलब्ध है। आईपीएमए के अध्यक्ष ए.एस. मेहता ने कहा कि पिछले 5-7 साल में घरेलू उद्योग में 25 हजार करोड़ रुपये के निवेश से उत्पादन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। बावजूद इसके भारत में पेपर और पेपरबोर्ड का आयात तेजी से बढ़ा है।