क्या हो अगर प्रेग्नेन्सी में महिला फिर हो जाए प्रेग्नेंट, सच्चाई उड़ा देगी होश
विज्ञान भी इस बात को स्वीकार करता है कि एक औरत अपने प्रेग्नेंसी पीरियड में दूसरी बार भी प्रेग्नेंट हो सकती है और ऐसी दशा में उसके किसी भी भ्रूण को नुकसान नहीं पहुंचता। लेकिन एक ही समय के अंतराल में दो अलग अलग समय में दो भ्रूण के पलने की संभावना कई लोगों को हजम नहीं हो रही। सुपरफिटेशन की ये घटना तब होती है जब पहले से फर्टिलाइज्ड एग मां के गर्भाशय में पल रहा हो और इस दौरान संभोग के जरिए प्रेग्नेंट महिला का एग फिर से किसी स्पर्म द्वारा फर्टिलाइज हो जाए। हालांकि जैविक रूप से इस तरह की घटना का होना सभी को चौंकाता है लेकिन ऐसे केस सामने आने के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि ऐसा होना संभव है।
मिशिगन की ऑब्स्ट्रेटिशन कॉनी हेडमार्क ने इस मामले में विस्तार से बताया, उन्होंने कहा कि ‘प्रेग्नेंसी वाले हॉर्मोन्स आमतौर पर महिला के सिस्टम को पूरी तरह से बंद कर देते हैं , यानी किसी भी तरह से इस अंतराल में उसके ऑव्यूलेशन की संभावना नहीं बनती। ऐसे में सुपरफिटेशन किस तरह संभव हो पाता है, ये विज्ञान का एक चमत्कार ही कहा जा सकता है लेकिन ये सच है, ये भी विज्ञानियों को पता चल गया है।
हेडमार्क कहती हैं कि ऐसा इसलिए संभव हो पाता होगा कि कुछ विशेष परिस्थितियां बनी होंगी। इन विशेष परिस्थितियों में जब पहले भ्रूण का इम्प्लांटेशन देर से हुआ होगा तो वह हॉर्मोन्स के मिलने की घटना को रोक नहीं पाया होगा।
अब सोचने की बात है कि एक समय अंतराल में दो बार प्रेग्नेंसी हुई तो भ्रूण के साथ क्या होगा। यानी अगर भ्रूण का इम्पलांटेशन अलग अलग समय में हुई तो क्या बच्चे भी अलग अलग समय में पैदा होंगे। ये कैसे संभव होगा कि पहले बच्चे के जन्म के महीनों बाद दूसरे बच्चे का जन्म हो। पेट में दोनों भ्रूणों के समय अंतराल और उनकी शारीरिक बनावट भी अलग अलग होगी और ऐसे में जन्म के समय क्या परिस्थितियां बनेंगी, ये सोचने की बात है।