गौतम अडानी ने कहा-‘बुरे वक्त को भूल जाना ही अच्छा होता है, मैं हर परिस्थिति में अपने आप को ढाल..
अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी (Gautam Adani) का कहना है जो अपने हाथों में न हो, उसपर ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है. इसी सिद्धांत पर वो काम करते हैं. गौतम अडानी कई विपरीत परिस्थितियों से बाहर निकल कर आए हैं. नब्बे के दशक में गौतम अडानी का अपहरण हुआ था. इसके अलावा वे 26/11 मुंबई आतंकी हमले के दौरान भी ताज होटल में फंसे हुए थे.
परेशान होने से कुछ नहीं होता…
गौतम अडानी ने शनिवार को एक निजी न्यूज चैनल से बातचीत में अपने अपहरण और 26/11 मुंबई हमले से जुड़ी दहशत भरी कहानी बताई. गौतम अडानी ने कहा कि उन्होंने अपनी जिंदगी में दो बार मौत को बेहद करीब से देखा है. अपने अपहरण के बारे में बोलते हुए गौतम अडानी ने कहा, ‘बुरे वक्त को भूल जाना ही अच्छा होता है. मैं हर परिस्थिति में अपने आप को ढाल लेता हूं. जिस दिन किडनैप हुआ, उसके अगले दिन ही मुझे छोड़ दिया गया था. लेकिन जिस रात को मेरा अपहरण हुआ था, उस रात को भी मैं चैन से सोया था. क्योंकि जो चीजें हाथ में नहीं है, उसपर ज्यादा परेशान होने से कोई फायदा नहीं मिलता है.’
अडानी ने कहा, ‘मेरा मानना है कि किसी को भी उस बात की चिंता नहीं करनी चाहिए जो कि उनके हाथ में नहीं है. नियति अपने आप तय करेगी.’ साल 1997 में अडानी के अपहरण की घटना ने सबको चौंका दिया था.
जब आतंकी हमले के बीच ताज होटल में फंसे थे अडानी
इसके अलावा गौतम अडानी ने कहा कि 26 नवंबर 2008 के आतंकी हमले के दौरान वो ताज होटल में थे और उसके सर्वाइवर हैं. वह दुबई से आए एक दोस्त के साथ डिनर के लिए ताज होटल में गए थे. उनकी आंखों के सामने आतंकवादी गोलियां बरसा रहे थे. उस दहशत के मंजर को बेहद करीब से देखा. लेकिन घबराया नहीं, क्योंकि घबराने से कुछ नहीं होने वाला था.
अडानी ने घटना के बारे में बताते हुए कहा कि होटल में डिनर के बाद बिल पेय करके बाहर निकलने ही वाला था कि आतंकी हमले खबर मिली, और फिर रातभर दहशत मे बीता. अगर चंद मिनट पहले निकल जाते, तो शायद कुछ भी बुरा हो सकता था. पूरी रात में ताज होटल में फंसा था. होटल के कर्मचारियों ने पीछे के रास्ते ऊपर ले गए. सुबह 7 बजे के बाद जब कमांडो का पूरा प्रोटक्शन मिला तब जाकर निकल पाए.
सफलता ही मेहनत की कुंजी
गौतम अडानी जीवन के उतार-चढ़ाव से बहुत परेशान नहीं होते. उनकी मानें तो मेहनत ही केवल सफलता की कुंजी है. हर किसी को मेहनत करके आगे बढ़ना चाहिए. उन्होंने बताया कि देश के 22 राज्यों में उनके प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं. इसलिए उनपर जो अभी आरोप लग रहे हैं वो बेबुनियाद हैं और केवल राजनीति लाभ के मकसद से बयान दिए जाते हैं.
उन्होंने कहा कि अभी तक अडानी ग्रुप किसी भी बिजनेस में बिना बीडिंग का प्रवेश नहीं करता. पोर्ट, एयरपोर्ट, पावर हाउस, हो या इंफ्रास्ट्रक्चर, सब जगह नियम के तहत काम मिला है. गौतम अडानी ने कहा कि राहुत गांधी कांग्रेस के सीनियर नेता हैं, वो भी देश की प्रगति चाहते हैं, भले ही आवेश में आकर वो कुछ बोल दें, लेकिन वो विकास के खिलाफ नहीं हैं. उन्होंने राजस्थान में अडानी प्रोजेक्ट की तारीफ भी की है.