साल 2020 की शुरुआत से ही पूरी दुनिया में उथल-पुथल देखने को मिली है। इस साल देश में कई भीषण घटनाएं देखी हैं। कोरोना वायरस के बीच भारत के दोनों तटों पर भीषण चक्रवात। अब एक विपत्ति आसमान से आने वाली है। नासा के सेंटर फॉर नियर अर्थ ऑब्जेक्ट्स स्टडीज ने बताया है कि बहुत सी अंतरीक्ष चट्टानें (उल्का पिंड) पृथ्वी के नजदीक से गुजरने वाली हैं और इसकी शुरुआत 6 जून से होगी।
यहां कोरोना की वजह से जान जा रही है, दिल्ली में भूकंप भइया भी आए दिन हाय-बाय बोलकर चले जा रहे हैं। टिड्डियां भी बिन बुलाए मेहमान की तरह चली आई हैं और अब ये एस्टेरॉयड्स। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने कहा है कि कई छोटे-बड़े एस्टेरॉयड्स धरती के बगल से होकर गुजरेंगे। इनमें से 8 नीयर अर्थ ऑबजेक्ट्स (NEO’s) धरती के बगल से 6 जून की सुबह से लेकर अगले वीकेंड के अंत तक कई एस्टेरॉयड निकलने वाले हैं।
6 जून को भारतीय समयानुसार सुबह करीब 8.50 बजे के आसपास एस्टेरॉयड 2002 एनएन4 धरती के बगल से गुजरेगा। इसकी धरती से दूरी होगी करीब 51 लाख किलोमीटर। यह धरती के बगल से 40,140 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से निकलेगा। इस एस्टेरॉयड का व्यास 570 मीटर है। यानी पांच फुटबॉल मैदान के बराबर।
6 जून को ही शाम 4.30 बजे के आसपास 2020 केओ1 नाम का एस्टेरॉयड भी धरती के बगल से निकलने वाला है। यह धरती से 50.93 लाख किलोमीटर दूर से निकलेगा। इसकी गति 21,930 किलोमीटर प्रति घंटे होगी। इसका आकार बहुत बड़ा नहीं है। इसका व्यास यह 26 मीटर से लेकर 59 मीटर हो सकता है। 6 जून को देर रात करीब पौने एक बजे धरती से करीब 14.31 लाख किलोमीटर दूर से एस्टेरॉयड 2020एलए गुजरेगा। इसका व्यास करीब 24 से 53 मीटर के बीच है। इसकी गति 55,584 किलोमीटर प्रति घंटे है।
7 जून को दोपहर 12.03 बजे धरती के बगल से एस्टेरॉयड 2020केए7 निकलेगा। यह धरती से करीब 14.67 लाख किलोमीटर की दूरी से निकलेगा। इसका व्यास 23 से 51 मीटर के बीच होगा। इसकी गति 26,424 किलोमीटर प्रति घंटा है। 7 जून को ही दोपहर 12.45 बजे पृथ्वी के बगल से एस्टेरॉयड 2020 केके3 गुजरेगा। यह धरती से करीब 68.02 लाख किलोमीटर की दूरी से निकलेगा। इसका व्यास 22 मीटर से 49 मीटर के बीच हो सकता है। इसकी गति 42,876 किलोमीटर प्रतिघंटा है।