‘अंतरिक्ष से पृथ्वी पर कोई सीमा दिखती’, शुभांशु शुक्ला की यह बात पढ़ेंगे बच्चे

अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आइएसएस) पर पहुंचने वाले पहले भारतीय शुभांशु शुक्ला ने वहां पहुंचकर जो कहा था, उनका वह प्ररेक कथन या उद्धरण अब पाठ्यपुस्तक का हिस्सा बन गया है।

शुभांशु ने आइएसएस पर 18 दिन बिताए
एनसीईआरटी की पांचवीं कक्षा की पर्यावरण अध्ययन की नई पाठ्यपुस्तक में अंतरिक्ष से पृथ्वी के बारे में कही गई बात को पढ़ेंगे। शुभांशु आइएसएस पर 18 दिन का मिशन पूरा कर 15 जुलाई को वापस लौटे हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ बातचीत के दौरान अंतरिक्ष से पृथ्वी को देखने के अपने पहले अनुभव को याद करते हुए शुभांशु ने आइएएस से कहा था, पृथ्वी को बाहर से देखने पर यह पूरी तरह से एक दिखती है।

हम सभी मानवता का हिस्सा- शुभांशु
आगे कहा था कि बाहर से कोई सीमा दिखाई नहीं देती। ऐसा लगता है कि कोई सीमा नहीं है, कोई राज्य नहीं है, कोई देश नहीं है। हम सभी मानवता का हिस्सा हैं, और पृथ्वी हमारा एक घर है, और हम सभी इसमें हैं।

शुभांशु ने रचा इतिहास
बता दें कि शुभांशु शुक्ला 14 दिन के मिशन पर ISS के लिए रवाना हुए थे। वो ISS में जाने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। वहीं, भारतीय अंतरिक्ष यात्री विंग कमांडर राकेश शर्मा के बाद वो अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं।

Back to top button