जिला पंचायत चुनाव: यूपी के 17 जिलों में बीजेपी की निर्विरोध जीत तय
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष के पदों के निर्वाचन के लिए शनिवार को उम्मीदवारों ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। हालांकि, 18 जिलों में एक ही उम्मीदवार के मैदान में होने से उनका निर्विरोध चुना जाना तय है। राज्य निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष के निर्वाचन के लिए शनिवार (26 जून) नामांकन पत्र दाखिल करने की तारीख तय की थी।
प्रदेश के विभिन्न जिलों में मिली खबर के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), समाजवादी पार्टी (सपा), अपना दल (एस) और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) समेत निर्दलीय उम्मीदवारों ने अपना पर्चा दाखिल किया है। राज्य निर्वाचन आयुक्त द्वारा शनिवार देर रात जारी बयान के मुताबिक 18 जिलों में एक ही प्रत्याशी का नामांकन वैध पाया गया है। यह जिले मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, अमरोहा,मुरादाबाद, आगरा, इटावा, ललितपुर,झांसी, बांदा, चित्रकूट,श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा,गोरखपुर, मऊ और वाराणसी हैं। इस आधार पर यह मान सकते हैं कि इन जिलों के उम्मीदवारों का निर्विरोध निर्वाचित होना तय हैं।
राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने बताया कि आगामी 29 जून तक उम्मीदवार अपना नामांकन वापस ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि तीन जुलाई को सुबह 11 बजे से अपराह्न तीन बजे तक मतदान तथा उसके बाद मतगणना होगी। राज्य निर्वाचन आयुक्त कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन 2021 के अध्यक्ष जिला पंचायत के पदों के मतदान एवं मतगणना को स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी एवं शान्तिपूर्ण कराने हेतु प्रदेश के समस्त जनपदों में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को प्रेक्षक के रूप में तैनात किया गया है।
मनोज कुमार ने तैनात प्रेक्षकों को निर्देश दिये हैं कि सम्बन्धित प्रेक्षक अपने तैनाती जनपदों के मुख्यालय में आगामी दो जुलाई के पूर्वाह्न तक अवश्य पहुंच जाए और इसकी लिखित सूचना आयोग को उपलब्ध करायें। उन्होंने प्रेक्षकों को अपने तैनाती जनपद मुख्यालय पहुंचकर मतदान एवं मतगणना की समुचित तैयारियों के बारे में संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर निष्पक्ष, पारदर्शी, स्वतन्त्र एवं शान्तिपूर्ण निर्वाचन सम्पन्न कराने हेतु आवश्यकतानुसार व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है।उन्होंने कहा कि तैनात प्रेक्षक सम्बन्धित जनपदों में की गई तैयारियों का निरीक्षण अवश्य कर लें और कोई गम्भीर समस्या एवं अनियमितता परिलक्षित होती है तो आयोग के संज्ञान में तत्काल लायी जाए।