मदरसों के आधुनिकीकरण और विकास के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की नई पहल

लखनऊ। मदरसों की पढ़ाई को लेकर यूपी सरकार गंभीर है। मदरसों में पढ़ने वाले 2.5 लाख बच्चों की पढ़ाई को और आसान बनाने के लिए कई बदलाव किए गए हैं। इसी के साथ मोबाइल ऐप से पढ़ाने की तैयारी भी हो रही है। 15 दिन में एक हजार मदरसा टीचर्स को ऐप से ऑनलाइन पढ़ाने की ट्रेनिंग दी गई है। मदरसा मॉडर्नाइजेशन को लेकर कई कदम उठाए जा रहे हैं. इसी के चलते सरकार ने इस साल 558 मदरसों के लिए 479 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा है। सिलेबस को भी छोटा कर बच्चों के लिए आसान बनाया गया है।

यूपी में मदरसों के आधुनिकीकरण को लेकर मदरसा बोर्ड एक और बड़ा कदम उठा रही है. प्रदेश सरकार यूपी के मदरसे में पढ़ने वाले ढ़ाई लाख से अधिक छात्रों को बड़ी राहत देने की तैयारी में है. नए सत्र से मदरसा बोर्ड के छात्र भी मोबाइल एप के जरिए पढ़ाई कर सकेंगे. मदरसा बोर्ड के सदस्‍य का कहना है कि मोबाइल ऐप तैयार करने का प्रस्‍ताव बोर्ड को भेज दिया गया है। बोर्ड परीक्षाफल घोषित होने के बाद मोबाइल ऐप तैयार कराने का काम किया जाएगा ।

उन्‍होंने बताया कि बोर्ड पूरी कोशिश करेगा कि नए सत्र से छात्र मोबाइल ऐप पर अपनी पढ़ाई कर सकें. मदरसा छात्रों को राहत देने के लिए उनका सिलेबस कम किया गया है। पहले छात्रों को 12 से 15 किताबों से पढ़ाई करना पड़ती थी, लेकिन अब सिलेबस बहुत कम हो गया है।सिर्फ 7 से 8 किताबों को लागू किया गया है. जो पेपर लम्‍बे-लम्‍बे आते थे, उनको सेक्‍शन में बांट कर छोटाकर दिया गया है. इससे छात्रों को काफी सहूलियत हुई है।

15 दिन में एक हजार शिक्षकों को दी ट्रेनिंग

उत्‍तर प्रदेश राज्‍य भाषा समिति के सदस्‍य दानिश आजाद का कहना है कि मदरसा बोर्ड के सहयोग से शिक्षकों के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। पहले चरण में 15 दिन का ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाया गया है। इसमें आईआईटी, आईआईएम और विभिन्‍न यूनिवस्रिटी के शिक्षकों ने एक हजार से अधिक मदरसा शिक्षकों को ऑनलाइन पढ़ाई कैस कराई जाए, इसकी ट्रेनिंग दी. दूसरे चरण मे शेष शिक्षकों को ट्रेनिंग देने का काम भी जल्द ही शुरु कर दिया जाएगा।

चार साल में बदली मदरसों की तस्‍वीर

चार सालों में प्रदेश सरकार ने मदरसों की तस्‍वीर बदलने का काम किया है। मदरसा छात्रों को बेहतर शिक्षा दिलाने के लिए मदरसों में एनसीईआरटी के सिलेबस को लागू किया गया है। मदरसा छात्र दीनी तालीम के साथ आधुनिक शिक्षा हासिल कर समाज की मुख्‍य धारा से जुड़ सकें इसके लिए एनसीईआरटी की किताबें पढ़ाई जा रही हैं।

चार सालों में मदरसा बोर्ड की परीक्षाओं को नियमित किया गया है। सरकार ने नई व्‍यवस्‍था के तहत  जमीन पर बैठ कर परीक्षा देने वाले छात्रों को कुर्सी-मेज की सुविधा उपलब्ध कराई है। मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए इस वित्‍तीय बजट में रखा गया 479 करोड़ रुपए का प्रस्‍ता जो पिछली सरकारों से कई गुना अधिक है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button