राजा भैया की जनसत्ता लोकतांत्रिक दल ने दी चुनावी दस्तक
- ‘हम किसी राजनीतिक दल का समीकरण बिगाड़ने व बनाने नहीं आये हैं:राजा भैया’ सुरेश बहादुर सिंह
लखनऊ। जनसत्ता दल की जनसेवा संकल्प यात्रा के शुरुआत के साथ ही कुण्डा के निर्दलीय विधायक राजा रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने आगामी विधानसभा चुनाव में उतरने का फैसला कर लिया है। उन्होंने मंगलवार को संकेत दिया कि उनकी पार्टी लगभग 100 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
लगभग 500 सौ गाड़ियों के काफिले के साथ राजा भैया ने अपनी जनसंकल्प यात्रा की शुरुआत की। उनकी यात्रा अयोध्या में रामलला के दर्शन के बाद समाप्त हुई। इस यात्रा के दौरान उनका कई जगहों पर अभूतपूर्व सम्मान किया गया। यात्रा के दौरान प्रतापगढ़-अयोध्या मार्ग पर यातायात ठप्प नजर आया, हालांकि उनके समर्थकों ने कहीं भी ना तो सड़क ही अवरुद्ध की और न ही जाम लगने दिया। राजा भैया को समर्थन देने के लिए मंगलवार को एक विशाल हुजूम उमड़ पड़ा।
2019 के लोकसभा चुनाव से पूर्व ही राजा भैया ने जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी का गठन किया था, हालांकि लोकसभा चुनाव में उन्हें अपेक्षित सफलता नहीं मिल सकी थी फिर भी लोकसभा चुनाव में मिले मतों के प्रतिशत में उनके समर्थकों का हौसला बढ़ा दिया। चन्द दिनों की बनी पार्टी को कई स्थापित राजनीतिक दलों से ज्यादा प्रतिशत वोट मिले। उसी समय से राजा भैया के समर्थकों का उन पर दबाव था कि आगामी 2022 के विधानसभा चुनाव में जनसत्ता दल जनतांत्रिक पार्टी अपने प्रत्याशी जरूर उतारे। उन्ही समर्थकों के दबाव में राजा भैया ने मंगलवार को अयोध्या में रामलला के दर्शन करने के करने के बाद आगामी चुनाव लड़ने की घोषणा की।
‘हम किसी का समीकरण बिगाड़ने व बनाने नहीं आये हैं। हमारी पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में अपने प्रत्याशी उतारेगी।’ कहकर राजा भैया ने यह संकेत दिया कि वह पार्टी के सिद्धान्तों के आधार पर ही चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने पार्टी के गठन के समय ही अपनी पार्टी की नीतियों और सिद्धान्तों का खुलासा किया था। उन्होंने साफतौर पर कहा था कि जो उनकी पार्टी की नीतियों व सिद्धान्तों के समर्थक हैं, उनका उनकी पार्टी में स्वागत है, हालांकि मंगलवार को उन्होंने किसी भी राजनीतिक दल से समझौता न करने के संकेत दिये।
ज्ञात हो कि कुण्डा से 6 बार रहे निर्दलीय विधायक राजा भैया, स्व.कल्याण सिंह, स्व. रामप्रकाश गुप्ता, राजनाथ सिंह, मुलायम सिंह यादव व अखिलेश यादव के मंत्रिमंडल में काबीना मंत्री रहे हैं। स्व. कल्याण सिंह को दोबारा मुख्यमंत्री बनाने में राजा भैया की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी, इसी कारण उन्हें 2003 में तात्कालीन मुख्यमंत्री मायावती कोप भाजन भी होना पड़ा था।
राजा भैया की संकल्प यात्रा बेती कोठी से प्रारम्भ होकर प्रतापगढ़, सुल्तानपुर होते हुए अयोध्या पहुंची। संकल्प यात्रा में हजारों की संख्या में जनसत्ता दल के कार्यकर्ता मौजूद थे। पार्टी के कार्यकर्ताओं में मंगलवार को एक नया उत्साह देखने को मिला। सत्ता में न होने के बाद भी उन्हें इस यात्रा में अपार जनसमर्थन मिला। ज्ञात हो कि कुण्डा और बिहार विधानसभा क्षेत्र में पिछले 30 वर्षों से राजा भैया का जादू कायम है। प्रदेश के सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने उन्हें कुण्डा में बार-बार हराने का प्रयास किया, लेकिन उन्हें असफलता ही मिली। वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भी राजा भैया ने भाजपा और सपा के प्रत्याशियों को पटकनी देकर जीत हासिल की।
मंगलवार को भगवान श्रीराम का आशीर्वाद लेकर राजा भैया ने आगामी विधानसभा चुनाव में दस्तक दे दी है। मंगलवार की जनसंकल्प यात्रा में जिस तरह से भीड़ उमड़ी है उससे अन्य राजनीतिक दलों के भी कान खड़े हो गये हैं।