सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान का किया लोकार्पण

गोरखपुर : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गोरखपुर में स्थापित यह प्रदेश का तीसरा प्राणि उद्यान है। यह प्राणि उद्यान जहां बच्चों और छात्रों के लिए ज्ञानार्जन का माध्यम बनेगा, वहीं इससे पूर्वांचल में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। यह प्राणि उद्यान पूर्वांचल ही नहीं बल्कि प्रदेश के विकास की नई पहचान है। प्रकृति, पर्यावरण और वन्यजीव की समझ विकसित करने के लिए स्कूली बच्चों को एक माह तक चिड़‍ियाघर में निश्शुल्क प्रवेश दिया जाएगा। उन्होंने कोरोना से बचाव के उपायों का पालन करने की सभी को हिदायत भी दी। मुख्यमंत्री ने यह बातें शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान (चिड़‍ियाघर) का लोकार्पण करने के बाद लोगों को संबोधित करते हुए कहीं। इससे पहले चिड़‍ियाघर पहुंचकर उन्होंने लोकार्पण की औपचारिकता पूरी की। इसके बाद गोल्फ कार्ट में सवार होकर चिड़‍ियाघर परिसर का भ्रमण कर वन्यजीवों को देखा।

दिवाली तक दिखना चाहिए नयापन

मुख्यमंत्री ने काले हिरण की शारीरिक संरचना से लेकर भालू के भोजन तक के बारे में अधिकारियों से जानकारी ली। लोकार्पण समारोह में उमड़ी भीड़ को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि गोरखपुर के प्राणि उद्यान में करीब 400 वन्यजीव लाए जाने हैं। 151 आ गए हैं। शेष को लाने की प्रक्रिया चल रही है। मुख्यमंत्री ने चिड़‍ियाघर प्रबंधन से कहा कि दिवाली तक यहां नयापन दिखना चाहिए। लोगों को चिड़‍ियाघर की खूबियां बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि परिसर में बने 7-डी थिएटर में चलचित्र देखते हुए बहुत कम समय में प्रकृति से समन्वय बनाने के साथ ही उसे महसूस किया जा सकता है। अपने संबोधन में उन्होंने बब्बर शेर और बंगाल टाइगर का खासतौर से जिक्र किया। पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री दारा सिंह चौहान ने कहा कि रामगढ़ ताल का सुंदरीकरण व गोरखपुर चिड़‍ियाघर जैसी परियोजना देकर मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश को ईको टूरिज्म का हब बना दिया है।

काकोरी कांड के नायकों को किया नमन

मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर प्राणि उद्यान का नाम अमर सेनानी शहीद अशफाक उल्ला खां के नाम पर रखा गया है। काकोरी कांड के नायकों का गोरखपुर से अटूट संबंध है। आजादी के इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाओं में शामिल काकोरी कांड के महानायक पंडित राम प्रसाद बिस्मिल थे। उनके साथ चंद्रशेखर आजाद, ठाकुर रोशन सिंह और अशफाक उल्ला खां ने मिलकर शाहजहांपुर में इस घटना की योजना तैयार की थी। पंडित राम प्रसाद बिस्मिल को गोरखपुर जेल में रखा गया और यहीं फांसी दी गई। शाहजहांपुर में भी काकोरी के नायकों का स्मारक बन रहा है। उन्होंने इन सभी अमर शहीदों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए उन्हें नमन किया।

 

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