यूपी चुनाव 2022: उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य बोले- मैं योगी के साथ था, साथ हूं और साथ रहूंगा
साढ़े चार साल में यह पहला मौका था जब केशव के घर गए योगी
बहाना भले ही केशव मौर्य के पुत्र के विवाह के बाद भोज का था लेकिन जिस तरह से मौर्य के आवास पर सीएम योगी समेत संघ और भाजपा के दिग्गज नेताओं का जमावड़ा हुआ उससे यह साफ संकेत मिला कि यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर संघ और भाजपा नेतृत्व किसी तरह का जोखिम उठाने को तैयार नहीं है। चुनावी रणनीतिकार लोगों के बीच यह संदेश नहीं जाने देना चाहते कि पार्टी में खींचतान या नेताओं के बीच किसी तरह का मनमुटाव है।
भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बी.एल. संतोष, आरएसएस के सर कार्यवाह दतात्रेय होसबाले और सह सर कार्यवाह कृष्णगोपाल व संघ के क्षेत्रीय पदाधिकारियों ने पूर्वाह्न पहले भाजपा दफ्तर में पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इसके बाद सभी लोग केशव मौर्य के आवास पर दोपहर भोज में पहुंचे। इसमें मुख्यमंत्री भी शामिल हुए।
एकजुटता का संदेश देने की रणनीति
इसी कड़ी में एक अहम बात यह रही कि केशव के घर हुई एकजुटता की इस बड़ी पहल के बाद भाजपा प्रदेश मुख्यालय में योगी मंत्रिपरिषद की बैठक में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी, पूर्व वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल, पूर्व बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री अनुपमा जायसवाल सहित अन्य प्रमुख लोगों को भी आमंत्रित किया गया। इस बैठक में सभी को सामंजस्य बनाकर विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत के साथ जुटने का पाठ पढ़ाया गया।
मतभेद व मनभेद नहीं होने का संदेश देने की कोशिश
मंगलवार दोपहर जब योगी केशव के घर भोजन पर पहुंचे तो सियासी गलियारे के साथ-साथ मीडिया और प्रशासनिक हलकों में हलचल तेज हो गई। जानकारों का मानना है कि संघ के शीर्ष पदाधिकारियों की मौजूदगी में हुई मुलाकात की फोटो भी जारी की गई ताकि पिछड़े वोट बैंक के साथ कार्यकर्ताओं में यह संदेश जाए कि दोनों के बीच कोई मतभेद या मनभेद नहीं है।