महामारी की तीसरी लहर से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है योगी सरकार!
लखनऊ: सीएम योगी ने प्रदेश में ‘निशुल्क राशन वितरण महाभियान’ की शुरुआत करते हुए रविवार को दावा किया कि उनकी सरकार कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान में जब दुनिया में कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर आने की आशंका व्यक्त की जा रही है, केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार इसका मुकाबला करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.
सीएम योगी ने आगे कहा कि हम मुफ्त में जांच, उपचार, कोरोना रोधी टीका और खाद्यान्न उपलब्ध कराने की योजना को बड़े पैमाने पर चला रहे है. वहीं सीएम योगी ने लोगों से कोविड-19 रोधी टीका लगवाने की अपील करते हुए ये भी दावा किया कि तीसरी लहर में एक बात देखने को मिल रही है कि अगर वायरस ने कहीं प्रभाव डाल भी दिया तो उसका उन लोगों पर ज्यादा असर नहीं पड़ता है, जिन्होंने वैक्सीन लगवा रखी है. ये वैक्सीन एक सुरक्षा कवच है.
वहीं सीएम ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा, बहुत से लोगों ने कोरोना रोधी टीके का बड़ा दुष्प्रचार किया. उन लोगों से कोई उम्मीद नहीं की जा सकती. वो कोविड-19 महामारी के खिलाफ देश की लड़ाई को कमजोर करने वाले लोग हैं. इसमें कोई संदेह नहीं है कि वो चोरी-छुपे घर के अंदर टीका ले चुके होंगे लेकिन गरीबों को बहका रहे हैं कि कहीं अगर गरीब व्यक्ति ये वैक्सीन ले लेगा तो ऐसा ना हो कि (सत्ता से) उनका वनवास हमेशा के लिए हो जाए.
इस दौरान योगी ने ये भी दावा किया कि दुनिया में सबसे अच्छा कोविड-19 प्रबंधन भारत में ही है और उसमें भी उत्तर प्रदेश में सबसे अच्छा है. यहां की पच्चीस करोड़ की आबादी ने कोरोना को छूमंतर किया है. लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि हम लापरवाही बरतें. अब हमें और भी सावधानी बरतनी होगी. निशुल्क राशन वितरण महाअभियान का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, डबल इंजन सरकार के खाद्यान्न का लाभ का हर जरूरतमंद को मिले, इसी दृष्टि से खाद्यान्न योजना को फिर से शुरू किया जा रहा है. इससे महीने में दो बार खाद्यान्न योजना का लाभ जरूरतमंद को प्राप्त होगा.
उन्होंने पूर्ववर्ती सरकार पर गरीबों के हिस्से का अनाज हड़प लेने का आरोप लगाते हुए कहा, आपने देखा होगा कि साल 2017 से पहले ये खाद्यान्न माफियाओं के हवाले हो जाता था और ये अनाज उत्तर प्रदेश से किसी दूसरे देश की ओर चला जाता था. गरीब टकटकी लगाए देखता रहता था लेकिन उसको कभी खाद्यान्न नहीं मिल पाता था. उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि प्रदेश में 2005 में खाद्यान्न घोटाला रहा हो, या उस दौरान सैकड़ों लोगों की भूख से हुई मौत किसी से छुपी नहीं थी. ये सिलसिला लगातार चलता रहा, साल 2015-16 में भी पिछली सरकार के दौरान भूख से मौतों के तमाम मामले देखने को मिले थे. लेकिन हमारी सरकार ने गरीबों के दर्द को समझा है. खाद्य और रसद विभाग ने राज्य सरकार की योजनाओं को पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ हर जरूरतमंद तक पहुंचाया है.