CM योगी के आवास पर ढाई घंटे चली अहम बैठक, जानें मीटिंग में क्या हुआ
यूपी विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में मंथन जारी है. दिल्ली में पीएम मोदी और संघ के बड़े नेताओं के साथ हुई बैठक के बाद अब सीएम योगी आदित्यनाथ के आवास पर एक हाई लेवल बैठक बुलाई गई. सीएम योगी के आवास 5 कालिदास मार्ग में हुई इस बैठक में सूबे के दोनों डिप्टी सीएम और प्रदेश बीजेपी के संगठन के बड़े नेता मौजूद रहे.
यूपी चुनाव को लेकर योगी की हाई लेवल मीटिंग
शनिवार को सीएम आवास में बुलाई गई बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ के अलावा डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, संगठन मंत्री सुनील बंसल आदि बड़े नेता मौजूद रहे. इस दौरान केशव मौर्य और सुनील बंसल ने सीएम योगी के साथ बातचीत की.
बैठक के दौरान इस बात पर जोर दिया गया कि चुनाव के दौरान कैसे सरकार और संगठन के बीच बेहतरीन तालमेल रखा जाए. इसी कड़ी में संगठन की तरफ से सरकार को कुछ जरूरी सुझाव दिए गए हैं. अभी उन सुझावों को लेकर ज्यादा जानकारी सामने नहीं है. इस सब के अलावा हाई लेवल मीटिंग में बोर्ड और निगम में जो पद खाली है उस पर भी विस्तार से चर्चा हुई है.
उम्मीदवारों पर हुई चर्चा
वैसे बताया गया है कि उस मीटिंग के दौरान कुछ उम्मीदवारों पर भी बातचीत हुई है. कहने को चुनाव अभी काफी दूर हैं, लेकिन बीजेपी ने अपनी रणनीति बनाना अभी से शुरू कर दिया है. ऐसे में उम्मीदवारों की जो लिस्ट क्षेत्र से आई है उस पर भी काफी चर्चा हुई है. जोर दिया जा रहा है कि ज्यादा से ज्यादा सीट जीतने का प्रयास करना है. वहीं क्योंकि 15 जून के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव भी होते दिख सकते हैं, ऐसे में उस पर भी मंथन हुआ है.
संघ हो गया है सक्रिय
गौरतलब है कि यूपी में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, इसको लेकर बीजेपी और संघ में मंथन शुरू हो गया है. ऐसे में योगी सरकार से लेकर यूपी बीजेपी संगठन तक में बड़े फेरबदल की संभावनाएं बढ़ गई हैं. संघ के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले राजधानी की सियासी थाह लेने के बाद दिल्ली लौट चुके हैं. खबर है कि इससे पहले वह दिल्ली में बीजेपी के टॉप लीडर्स के साथ गोपनीय बैठकें कर चुके हैं.
इधर बीते दिन ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल से मुलाकात की है. इससे इन कयासों को और बल मिला है कि कैबिनेट में विस्तार से लेकर प्रदेश संगठन के नेतृत्व में बड़े बदलाव किए जा सकते हैं.
दरअसल, सूबे के विधानसभा चुनाव में महज कुछ महीने का समय बाकी है. योगी सरकार में फिलहाल 6 मंत्री पद खाली पड़े हैं. ऐसे में चुनावी साल होने के चलते योगी सरकार अपने कैबिनेट में कुछ नए लोगों को शामिल कर प्रदेश के सियासी समीकरण को साधने का दांव चल सकती है.