FICCI की सर्वे में की रिपोर्ट में आया सामने भारतीय बाजार पर कोरोना वायरस पड़ा है बुरा असर

कोरोना वायरस का शरीर पर ही नहीं बल्कि भारतीय बाजार पर बुरा असर पड़ा है. इस बात की पुष्टि औद्योगिक संगठन फिक्की की रिपोर्ट में सामने आई है. फिक्की ने एक सर्वे किया है जिसमें उसने पता लगाने की कोशिश की है कि कोरोना वायरस का बाजार पर क्या असर पड़ा है.

यह सर्वे FICCI की मेंबर कंपनियों के बीच 15 मार्च से 19 मार्च 2020 के बीच किया गया. इसमें 317 कंपनियों को शामिल किया गया. फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) ने इस सर्वे के बारे में कहा है कि इसमें पता चला है कि 53 फीसदी भारतीय कारोबार पर कोरोनोवायरस महामारी का प्रभाव पड़ा है.

फिक्की ने कहा कि व्यवसायों और लोगों को संकट से निपटने में मदद करने के लिए मौद्रिक, राजकोषीय और वित्तीय बाजार उपायों को मिलाने की आवश्यकता है. इसके साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को इस नीति पर भारतीय उद्योग और अर्थव्यवस्था को समर्थन करने की जरूरत है.

आइए जानते हैं सर्वे में क्या पता चला है.

क्या पता चला सर्वे में

1-ऑर्डर में कमी

इस सर्वे में लगभग तीन चौथाई कंपनियों में ऑर्डर में कमी की बात मानी. पचास प्रतिशत कंपनियों ने तो कोरोना की वजह से ऑर्डर में 20 प्रति या उससे भी अधिक की गिरावच की बात कही. वहीं  बुक मार्केट का भी काम बिल्कुल ठंडा पड़ा है. यहां बिक्री में 73 प्रतिशत की कमी आई है.

2-कैश फ्लो कम हुआ

कैश फ्लो पर भी इस माहामारी का काफी प्रभाव पड़ा है. इस वायरस ने नकदी प्रवाह को काफी प्रभावित किया है.लगभग 80 प्रति संगठन कैश लेन-देन में कमी की बात स्वीकरते हैं

3-सप्लाई पर पड़ा असर
कोरोना का सप्लाई पर भी असर पड़ा है. 60 प्रतिशत से ज्यादा कंपनियों ने माना है कि उनके सप्लाईचेन पर इस महामारी का असर पड़ा है. सर्वे में 63 प्रतिशत कंपनियों ने माना है कि उनके सप्लाई पर कोरोना का असर पड़ा है तो वहीं 37 फीसदी ऐसा नहीं मानते.

4-सेफ्टी

कोरोना की वजह से कंपनियों में काम करने वाले लोगों पर विशेष ध्यान रखने की बात भी कही गई है. 40 फीसदी कंपनियों ने माना है कि वह अपने इम्प्लॉई को चेक रहे हैं कि वह कहीं वायरस से संक्रमित तो नहीं. वहीं 30 फीसदी कंपनियों ने अपने यहां काम करने वाले लोगों को वर्क फॉर्म होम का विक्लप दे दिया है.

5-अगले छह महीने में स्तिथि नियंत्रण की बात कही

इस सर्वे में 42.47 फीसदी लोगों ने माना कि आने वाले तीन महीनों में स्थिति नियंत्रण में होगी. वहीं 45.21 फीसदी का मानना है कि इसमें 6 महीने का वक्त लगेगा. 6.16 फीसदी 9 महीने में स्थिति नियंत्रण में होने की बात कह रहे हैं.

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