ISIS आतंकी की पत्नी को नार्वे वापस लाना सरकार को पड़ा महंगा, प्रधानमंत्री ने खोया बहुमत
आईएसआईएस के एक आतंकी की पत्नी को नार्वे लाना वहां की सरकार को काफी मंहगा पड़ा गया है। पाकिस्तानी मूल की नार्वे की महिला को वापस लाने पर वहां के प्रधानमंत्री को बहुमत से हाथ धोना पड़ा। दरअसल, सीरिया गई पाकिस्तानी मूल की नार्वे की महिला की वहां दो बार शादी कर दी गई। महिला अपने दो बच्चों के साथ शनिवार को सरकार के प्रयास से नार्वे लौटी। नॉर्वे सरकार ने महिला और उसके बच्चों को सीरिया से लाई ताकि गंभीर रूप से बीमार बच्चों का इलाज कराया जा सके। इस वजह से नार्वे के प्रधानमंत्री ने बहुमत गंवा दिया है।
नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में रहने वाली 29 वर्षीय महिला (जिसका नाम सार्वजनिक नहीं किया गया है) के दो बच्चों- पांच वर्षीय बेटे और तीन वर्षीय बेटी को सीरिया के कुर्द-नियंत्रित क्षेत्र के डिटेंशन सेंटर से वापस नॉर्वे लाया गया। महिला और उसके बच्चों को ओस्लो के अस्पताल में निगरानी में रखा गया है। हालांकि, सरकार को महिला के साथ मानवता दिखाना महंगा पड़ा है और इसके बाद से नॉर्वे में राजनीतिक संकट शुरू हो गया है। एक आप्रवासी विरोधी पार्टी ने सत्ताधारी पार्टी से गठबंधन का समर्थन वापस ले लिया है। वहीं प्रधानमंत्री एर्ना सोलबर्ग अल्पमत की सरकार के प्रमुख बने हुए हैं।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, आईएसआईएस की पत्नी को नॉर्वे वापस लाना आसान नहीं था क्योंकि उस पर एक आतंकवादी संगठन में भागीदारी का आरोप लगाया लया है। पीएम सोलबर्ग ने कहा कि नॉर्वे मूलरूप से सिर्फ बीमार बच्चों को वापस लाना चाहता था, लेकिन बच्चों को उनकी मां से अलग नहीं कर सकते थे। उसने दोहराया कि उन्हें घर लाने का फैसला “सही” था।
‘आईएसआईएस ब्राइड्स’ का मुद्दा नॉर्वे तक सीमित नहीं है। पिछले साल ब्रिटिश सरकार ने लंदन की एक 19 वर्षीय लड़की शमीमा बेगम की नागरिकता रद्द कर दी थी, जो 2015 में सीरिया गई थी। इसके बाद यह मुद्दा काफी गरमाया था। रिपोर्ट के अनुसार, सीरिया में 2018 के अंत में शिविरों में लगभग 12,300 विदेशियों को हिरासत में लिया गया था, जिसमें 40 से अधिक देशों के 8,700 से अधिक बच्चे शामिल थे।