अगर आप तुलसी करते हैं इस्तेमाल, तो जानें इनके फायदे

हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे का काफी धार्मिक महत्व है. कई लोग तुलसी की पूजा और तुलसी विवाह भी संपन्न कराते हैं. तुलसी को सेहत के लिहाज से भी काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. तुलसी के पौधे में काफी औषधीय गुण भी पाए जाते हैं. यही वजह है कि इस पौधे को काफी कल्याणकारी और स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है. तुलसी भी कई प्रकार की होती हैं. तुलसी के रंग के आधार पर, दो मुख्य प्रकार हैं, सफेद -राम तुलसी और काले पत्तों वाली तुलसी को श्यामा तुलसी कहा जाता है.

आयुर्वेद के अनुसार, रामा तुलसी और श्यामा तुलसी के गुणों में काफी अंतर है. सेहत के लिहाज से श्यामा तुलसी यानी कि कुछ कालापन रंग लिए हुए वाली तुलसी को ज्यादा बेहतर माना जाता है. वहीं रामा तुलसी जोकि एकदम कंचन हरी दिखाई देती है का इस्तेमाल मसालेदार और कड़वी, गर्म, सौम्य, पाचन, पसीना और बच्चों की सर्दी-खांसी की बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है. जबकि श्यामा तुलसी मसालेदार और कड़वी, मुलायम, चिकनी, पचने में हल्की, शोषक और वात-पित्त में लाभदायक होती है. तुलसी कफ, वायरल इन्फेक्शन, पित्ताशय की थैली, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल, हृदय, एनीमिक और कुष्ठ जैसे रोगों मरण भी फायदेमंद है. आइए जानते हैं किस तरह से तुलसी का इस्तेमाल करना हितकर रहता है…

1.तुलसी के पत्तों का रस और अदरक के रस को शहद के साथ मिलाकर पीने से जुकाम ठीक हो जाता है. तुलसी के पत्ते की चाय पीने से सर्दी, जुखाम दूर होता है.

2.तुलसी, अदरक, काली मिर्च और गुड़ को पानी में डालकर अच्छे से उबाल लें. इसके बाद इसे छान कर दिन में तीन बार इसका इस्तेमाल करें.

3. कई लोग तुलसी के पत्तों को चाय या दूध में डालकर भी पीते हैं. लेकिन आयुर्वेद के हिसाब से ऐसा करना ठीक नहीं है. आयुर्वेद के महर्षि चरक ने तुलसी के साथ दूध के उपयोग को स्पष्ट रूप से मना किया है. अगर आप तुलसी को दूध के साथ लेते हैं तो आपके शरीर पर इसका बुरा प्रभाव पड़ेगा.

4. अगर आपको बार बार उल्टियों की शिकायत है और आपके घर पर कोई दवा मौजूद नहीं है तो तुलसी के पत्तों को तोड़कर उसका अर्क निकाल लें और इसका सेवन करें. आपको उल्टी में आराम मिलेगा. कई बार पेट में गैस बनने की वजह से भी उल्टियां होती हैं या उल्टी जैसा महसूस होता है. तुलसी पेट की गैस की समस्या दूर करने में काफी हद तक कारगर है.

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