ईज आफ डूइंग बिजनेस की संकल्पना को आबकारी विभाग कर रहा साकार- अपर मुख्य सचिव, आबकारी

  • ईज आफ डूइंग बिजनेस की संकल्पना को आबकारी विभाग कर रहा साकार, नई औद्योगिक इकाईयों की स्थापना से निवेश और रोजगार के अवसर बढ़े
  • प्रदेश में नई आसवनियों एवं यवासवनियों की हुई स्थापना
  • कई इकाइयों की अधिष्ठापित क्षमता में भी किया गया विस्तार
  • नई आसवनियों/यवासवनियों की स्थापना से रोजगार के नये अवसर बढ़े हजारों युवाओं को मिल रहा रोजगार

लखनऊ: 09 मई, 2023

मा. मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश श्री योगी आदित्यनाथ जी के कुशल मार्गदर्शन एवं मा. आबकारी मंत्री श्री नितिन अग्रवाल के निर्देशन में इज ऑफ डूइंग बिजनेस की संकल्पना के अन्तर्गत विकासोन्मुख व्यवसाय मॉडल पर निरन्तर कार्य करते हुए आबकारी विभाग अधिकाधिक राजस्व अर्जन की दिशा में अग्रसर है। इसी क्रम में श्री संजय आर. भूसरेड्डी, अपर मुख्य सचिव, आबकारी द्वारा अवगत कराया गया कि विभाग के क्रिया कलापों में राजस्व के साथ औद्योगिक विकास का भी महत्वपूर्ण स्थान है। प्रदेश में विकास के क्रम में आबकारी विभाग द्वारा नये उद्योगों की स्थापना तथा आबकारी विभाग में पहले से चली आ रही जटिल व्यवस्थाओं और नियमों को सरल कर इज आफ डूइंग की नीति अपनाते हुए विभागीय कार्य-कलापों को अत्यन्त आसान बनाने के लिये लगातार कार्य किये जा रहे हैं, जिसके अन्तर्गत विभिन्न औद्योगिक इकाईयों को स्थापित कराते हुए निवेश के अवसर उपलब्ध कराये जा रहे हैं। आबकारी विभाग द्वारा प्रदेश में नई आसवनियों, ब्रेवरी, माइक्रोब्रेवरी की स्थापना के लिये लाइसेंस निर्गत किये गये। बार अनुज्ञापनों की स्वीकृति के साथ पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई माइक्रोब्रेवरी तथा प्रीमियम रिटेल वेण्ड्स के लाइसेंस भी स्वीकृत किये गये, जिससे प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित हुए और प्रदेश अधिकाधिक राजस्व प्राप्त करने की दिशा में अग्रसर रहा।

अपर मुख्य सचिव, आबकारी द्वारा बताया गया कि विगत चार वर्षों में कोआपरेटिव तथा प्राइवेट सेक्टर के अन्तर्गत कुल 31 नई आसवनियों की स्थापना की गयी है। इन आसवनियों की स्थापना से कुल 14,416.75 लाख के0एल0 अल्कोहल की उत्पादन हेतु अनुमति प्रदान की गयी, जिसमें लगभग 5,477.23 करोड़ रू0 का अनुमानित निवेश होगा और लगभग 8,267 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। इनमें से 18 नई आसवनियों को अल्कोहल उत्पादन किये जाने हेतु अनुमति प्रदान की गयी, जिसमें 9,677.05 लाख के0एल0 अल्कोहल का उत्पादन प्रारम्भ हो चुका है और 3,530.82 करोड़ रूपये निवेश के साथ ही 5,882 युवाओं को रोजगार प्राप्त हुआ। पहले से स्थापित आसवनियों के दिनों एवं प्लान्ट विस्तार के आधार पर विगत चार वर्षों में 38 आसवनियों की अधिष्ठापित क्षमता में लगभग 5,929.27 लाख के0एल0 की वृद्धि की गई। अधिष्ठापित क्षमता के विस्तार से प्रदेश में लगभग 1,968.06 करोड़ रू0 का निवेश प्राप्त किया गया और 1,260 प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर प्राप्त हुए। पूर्व स्थापित 22 औद्योगिक आसवनियों में 1,054.87 लाख लीटर तथा 16 आसवनियों की पेय क्षमता में 4874.40 लाख ली0 की वृद्धि की गयी। नई आसवनियों की स्थापना तथा उनके क्षमता विस्तार से चीनी मिलों की आर्थिक स्थिति में सुधार होने के साथ-साथ गन्ना किसानों के गन्ना मूल्य का भुगतान किये जाने में सुगमता होगी तथा रोजगार के पर्याप्त अवसर सृजित होंगे।

एथनाल उत्पादन में प्रदेश ने कीर्तिमान स्थापित किया, भारत सरकार की महात्वाकांक्षी परियोजना एथनाल ब्लेण्डिंग प्रोग्राम (म्ठच्) के अन्तर्गत प्रदेश ने प्रशंसनीय योगदान दिया है और महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रदेश में जहॉं वर्ष 2016-17 में एथनाल का उत्पादन 42.69 करोड़ ली. था, उसमें लगभग तीन गुना से अधिक की वृद्धि प्राप्त की गयी है, जो वर्ष 2022-23 में बढ़कर 133.29 करोड़ ली हो गया है। एथनाल की आपूर्ति प्रदेश में व प्रदेश के बाहर स्थित आयल डिपो को निरन्तर की जा रही है, जिससे एक ओर जहॉं विदेशी मुद्रा की बचत हो रही है, वहीं दूसरी ओर ग्रीन फ्यूल उपलब्ध होने से पर्यावरण के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा रही है।

प्रदेश में शहरों के विकास को देखते हुए बड़े जनपदों- कानपुर, नोएडा, गाजियाबाद, गोरखपुर, प्रयागराज, मेरठ, आगरा, लखनऊ, मुरादाबाद एवं बरेली जैसे जनपदों में बढ़ते होटल व्यवसाय और बीयर के उपभोक्ताओं को ताजा बीयर उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से शासन द्वारा नई पहल करते हुए माइक्रोबिवरी की स्थापना करने का निर्णय लिया गया। अब तक प्रदेश में होटल एवं रेस्टोरेन्ट उद्यमियों में जनपद नोएडा, गाजियाबाद, आगरा, बरेली और लखनऊ में 21 उद्यमियों को लाइसेंस निर्गत किया जा चुका है। माइक्रोब्रिवरी जौ आधारित उद्योग होने के कारण जौ के उत्पा्दन में भी अनुकूल प्रभाव पड़ेगा, जिससे किसानों को भी इसका अप्रत्यक्ष रूप से लाभ प्राप्त होगा। माइक्रोब्रिवरी की स्थापना से लगभग रू0 21 करोड़ का निवेश प्राप्त किया गया, साथ ही 210 प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी सृजित हुए।

माइक्रोब्रिवरी की स्थापना से होटल एवं पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ उपभोक्ताओं को फ्रेश बीयर उपलब्ध हो सकेगा तथा राजस्व में भी वृद्धि होगी। विगत चार वर्षों में बीयर के उपभोग में उतरोत्तर वृद्धि को देखते हुए प्रदेश में लगभग 20.5 लाख हे0ली0 उत्पादन क्षमता की कुल 05 नई ब्रेवरीज की स्थापना की गई, जिसमें 363 करोड़ रूपये के निवेश के साथ-साथ लगभग 485 युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर मिले।

अपर मुख्य सचिव द्वारा बताया गया कि प्रदेश में महानगरों के विस्तार तथा पर्यटन को बढ़ावा देने एवं फाइन डाइन कान्सेप्ट के दृष्टिगत 263 नये बार अनुज्ञापन स्वीकृत किये गये हैं। इन बार अनुज्ञापनों की स्वीकृति से जहॉं एक ओर लगभग 263 करोड़ रूपये का निवेश मिला वहीं लगभग 2,630 प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर युवाओं के लिये उपलब्ध हुए। इसी क्रम में प्रदेश में नये कान्सेप्ट के अन्तर्गत शापिंग माल्स में प्रीमियम रिटेल वेण्ड्स खोले जाने का निर्णय भी लिया गया जिसके अन्तर्गत प्रदेश के महानगरों के शॉपिंग माल्स में अब तक 52 प्रीमियम रिटेल वेण्ड्स के अनुज्ञापन स्वीकृत किये गये है, जिसमें 260 प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर के साथ ही प्रदेश को लगभग 26 करोड़ रूपये का निवेश प्राप्त हुआ।

आबकारी विभाग प्रदेश में वाइनरीज उद्योग के लिये प्रयासरत है। प्रदेश में बड़ी मात्रा में सब-ट्रापिकल फल जैसे-आम, जामुन, पीच आदि का उत्पादन बहुतायत में होता है। फलोत्पादक किसानों के खपत से बचे हुए फलों को वाइनरीज उद्योग के उपयोग में लाया जायेगा जिससे फल उत्पादक किसानों के अवशेष फलों का सदुपयोग हो सकेगा तथा किसानों को उनके फलों का उचित मूल्य प्राप्त होगा और उनकी आय में वृद्धि होगी। वाइनरीज की स्थापना से रोजगार का सृजन एवं राजस्व भी प्राप्त किया जा सकेगा।

कोविड के दौरान चीनी मिलों, आसवनी इकाईयों के साथ-साथ सेनेटाइजर बनाने के कार्य में आगे आने वाले लोगों को भी कुल 98 एफ0एल0-41 अनुज्ञापन विभाग द्वारा जारी किये गये। सेनेटाइजर उत्पादन में जहॉं एक ओर उ0प्र0 राज्य अग्रणी रहा, वहीं देश के अन्य प्रदेशों में भी सेनेटाइजर की आपूर्ति कर कोरोना महामारी की रोकथाम में प्रमुख योगदान दिया, जिससे प्रदेश में 5 करोड़ रू0 का निवेश प्राप्त होने के साथ ही लगभग 588 लोगों के लिये प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित हुए। वर्ष 2016-17 में आबकारी विभाग द्वारा प्राप्त राजस्व रू. 14,273.33 करोड़ था। प्राप्त राजस्व में लगभग 2.5 गुना से अधिक की वृद्धि प्राप्त करते हुए राजस्व वर्ष 2021-22 में रू. 36,321.12 करोड़ हो गया था। वर्ष 2022-23 में गतवर्ष के सापेक्ष 13.58 प्रतिशत की वृद्धि प्राप्त करते हुए आबकारी विभाग द्वारा रू0 41,252.24 करोड़ का राजस्व अर्जित किया गया है, जो अब तक का सर्वाधिक अर्जित राजस्व है।।

आबकारी विभाग द्वारा ईज आफ डूइंग बिजनेस की संकल्पना पर काम करते हुए नियमों एवं प्रक्रियाओं को सुगम एवं सरल बनाये जाने से प्रदेश में उद्यमियों द्वारा औद्योगिक इकाईयों की स्थापना से अधिक निवेश प्राप्त हो रहे हैं, जिससे प्रदेश में जुलाई, 2019 से मार्च, 2023 तक बड़ी संख्या में आसवनी, यवासवनियाँ, माइक्रोब्रिवरी, रेस्टोरेन्ट बार अनुज्ञापन, सेनेटाइजर इकाईयों की स्थापना हुई है तथा उद्यमियों से लगभग रू. 8,123.19 करोड़़ का निवेश प्राप्त हुआ और 13,700 लोगो को प्रत्यक्ष तथा 68,500 लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित हुए।

हाल ही में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में अल्कोहल एवं शीरा आधारित उद्योगों से 78 निवेशकों द्वारा लगभग 31,000 करोड़ के निवेश प्राप्त हुए हैं तथा इन उद्योगों की स्थापना से विभिन्न सेवा क्षेत्रों में प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से 1,11,000 रोजगार के अवसर सृजित होगे, जिससे प्रदेश की जी.डी.पी. तथा अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी। प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने से उत्पादन, निर्यात एवं राजेगार के अवसर सृजित होंगे तथा मा. मुख्यमंत्री जी की एक ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था को साकार करने में सहायक सिद्ध होगा।

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