नौकरी के नाम पर 300 लोगों से ठगी, गैंग के सरगना समेत 3 गिरफ्तार

दिल्ली-एनसीआर में बेरोजगार युवकों को खाड़ी देशों में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले एक गिरोह का खुलासा हुआ है। इस गिरोह ने अब तक 300 से अधिक लोगों के साथ ठगी की है। पुलिस ने मंगलवार की रात आरडीसी से गैंग के सरगना समेत तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके पास से 90 लोगों के पासपोर्ट, 50 से अधिक फर्जी वीजा, 20 फर्जी नियुक्ति पत्र, कुवैत असेंबली के स्टीकर, हवाई टिकट की कॉपी और फर्जीवाड़ा करने के अन्य दस्तावेज व उपकरण बरामद किए हैं। आरोपी प्रत्येक आवेदक से वीजा, एयर टिकट व अन्य कार्यों के लिए 3 से 5 लाख रुपए वसूल करते थे।

पुलिस की पूछताछ के दौरान आरोपियों ने गैंग के बाकी सदस्यों के नाम भी बताए हैं। इनमें से कई सदस्य खाड़ी देशों में रह रहे हैं। जो इन्हें नकली वीजा आदि उपलब्ध कराते हैं। जबकि आधा दर्जन से अधिक सदस्य नोएडा, दिल्ली, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद में हैं। पुलिस ने इनकी तलाश कर रही है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि पकड़े गए तीनों आरोपी महताब आलम, सफातुल्ला खान और विकास राय मूलरूप से आजमगढ़ के रहने वाले हैं और यहां नोएडा एक्सटेंशन में किराये पर रहते हैं। यह जालसाज यहां दिल्ली एनसीआर में बीते चार साल से ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।

महताब है गैंग का मास्टरमाइंड : वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस गैंग का मास्टर माइंड महताब है। उसने बीए तक की पढ़ाई की है। वहीं गैंग में दूसरे नंबर के जालसाज सफातुल्ला ने बीकॉम की पढ़ाई की है। यह दोनों आरोपी नौकरी के सिलसिले में करीब पांच साल पहले खाड़ी देशों में गए थे। वहां से लौटने के बाद इन लोगों ने ठगी का धंधा शुरू किया।

आईटीआई पास बेरोजगारों को बनाते थे निशाना : पुलिस ने बताया कि आरोपी खाड़ी देशों में फीटर, इलेक्ट्रिशियन, राज मिस्त्री और कुक आदि की नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करते थे। इसके लिए आरोपी खासतौर पर आईटीआई पास बेरोजगार युवकों की तलाश करते थे। इसके लिए स्थानीय अखबारों में अक्सर विज्ञापन भी निकलवाते रहते हैं। एसएसपी ने बताया कि आरोपी प्रत्येक आवेदक से वीजा, एयर टिकट व अन्य कार्यों के लिए 3 से 5 लाख रुपए वसूल करते थे। पुलिस के अनुसार अपने कार्यालय में आने वाले लोगों के साथ आरोपी इस तरह व्यवहार करते थे कि पीड़ितों को उन पर थोड़ा भी संदेह नहीं होता था।

फर्जी नियुक्ति पत्र देते थे आरोपी

आरोपी आवेदकों को न केवल फर्जी वीजा थमाते थे, बल्कि खाड़ी देशों की प्रतिष्ठित कंपनियों का फर्जी नियुक्ति पत्र भी दे देते थे। आरोपी आवेदकों को रॉयल टूर एंड ट्रैवल्स से हवाई टिकट बुक कराकर देते थे, लेकिन फ्लाइट से एक दिन पहले टिकट रद्द कराकर वह पैसा भी डकार जाते थे।

बदलते रहते थे दफ्तर

पुलिस अधीक्षक (नगर) डॉ. मनीष मिश्रा ने बताया कि आरोपी एक स्थान पर कुछ वारदात को अंजाम देने के बाद अपना दफ्तर बदल लेते थे। करीब दो साल पहले इनका दफ्तर साहिबाबाद में था। इसके बाद आरोपी अपना दफ्तर लेकर नोएडा चले गए। अभी एक साल पहले ही इन्होंने दोबारा गाजियाबाद के इंदिरापुरम में अपना दफ्तर खोला है। उन्होंने बताया कि अब सूचना मिली है कि आरोपियों ने गाजियाबाद के ही आरडीसी में अपना नया ठिकाना तलाश लिया था। आरोपियों की गिरफ्तारी भी मंगलवार की रात आरडीसी से ही हुई है।

पासपोर्ट धारकों को पूछताछ के लिए बुलाया

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आरोपियों के पास से 90 लोगों के पासपोर्ट बरामद हुए हैं। पुलिस ने सभी पासपोर्ट धारकों को पूछताछ के लिए बुलाया है। इसके अलावा पुलिस उन लोगों की भी पहचान करने का प्रयास कर रही है, जिनके साथ आरोपियों ने पहले ठगी की है।

टूरिस्ट वीजा पर भेजा था कुवैत

जांच में पता चला है कि आरोपियों ने दो दर्जन से अधिक लोगों को कुछ दिन पहले एक माह के टूरिस्ट वीजा पर कुवैत भेजा था। दावा किया था कि सभी को तीन साल तक नौकरी के लिए भेजा जा रहा है। लेकिन वीजा अवधि पूरी होने पर सभी को वापस लौटना पड़ा था। इसी प्रकार आरोपियों ने कुछ दिन पहले 10 नेपाली नागरिकों के साथ भी विदेश भेजने के नाम पर ठगी की थी।

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