आजम खां और उनके परिवार की सुरक्षा के कारण छोटा राजन को सीतापुर जेल में नहीं किया जायेगा शिफ्ट

माफिया छोटा राजन गिरोह के शार्प शूटर खान मुबारक को सुरक्षा कारणों से लखनऊ जिला जेल से सीतापुर जेल स्थानांतरित करने की योजना को रद कर दिया गया है। सीतापुर जेल में रामपुर के सांसद आजम खां, उनकी विधायक पत्नी डॉ. तजीन फात्मा और पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम खां बंद है। इसी कारण खान मुबारक को लखनऊ से सीतापुर की जगह हरदोई जेल भेजा गया है।

अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन गिरोह के मुख्य शूटर खान मुबारक को लखनऊ जेल से सुरक्षा कारणों के चलते हरदोई जेल में शिफ्ट किया गया, पहले सीतापुर कारागार में भेजा जाना था लेकिन आजम खां की वहां पर परिवार के साथ मौजूदगी के कारण शूटर खान मुबारक को भारी सुरक्षा में हरदोई जेल में शिफ्ट किया गया।

प्रदेश शासन ने लखनऊ जेल में बंद माफिया छोटा राजन गिरोह के शूटर खान मुबारक को सीतापुर जेल स्थानांतरित करने का फैसला रद करते हुए अब उसे हरदोई जेल भेजने का निर्णय लिया है। दरअसल, सपा सांसद आजम खां, उनकी पत्नी विधायक डॉ. तजीन फात्मा और बेटा अब्दुल्ला इन दिनों धोखाधड़ी के मामले में सीतापुर जेल में निरुद्ध है। माना जा रहा है कि इसके चलते सुरक्षा कारणों से खान मुबारक को लखनऊ जेल से हरदोई जेल स्थानांतरित किए जाने का फैसला लिया गया है।

विचाराधीन बंदी खान मुबारक को स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) की रिपोर्ट पर सीतापुर जेल स्थानांतरित करने का आदेश हुआ था। एसटीएफ ने जुलाई 2017 को खान मुबारक को लखनऊ के पीजीआइ क्षेत्र से गिरफ्तार किया था। तब उसके पास से कई असलहे भी मिले थे। अंबेडकरनगर निवासी खान मुबारक मुंबई के अलावा उत्तर प्रदेश में छोटा राजन गिरोह की गतिविधियों की कमान संभालता था। उसके खिलाफ अपहरण, हत्या व अन्य संगीन धाराओं में कई मुकदमे दर्ज हैं। एसटीएफ ने दिसंबर 2018 में खान मुबारक गिरोह के सक्रिय सदस्य शहनवाज कुरैशी समेत तीन आरोपितों को भी पकड़ा था।

एक पूर्व मंत्री की हत्या की साजिश रचने और जेल में हर सुविधाएं मिलने का वीडियो वायरल कर चर्चा में रहे माफिया मुबारक खान को लखनऊ जेल से सीतापुर जेल भेजने की योजना बनी थी। एसटीएफ के आईजी अमिताभ यश की संस्तुति पर शासन ने यह आदेश जेल प्रशासन को भेजा है। विशेष सचिव सुरेश कुमार पाण्डेय ने डीजी कारागार को भेजे पत्र में लिखा है कि 22 फरवरी को आईजी एसटीएफ ने विचाराधीन बंदी खान मुबारक को लखनऊ जेल से कहीं और शिफ्ट करने की संस्तुति की थी। इस पर ही यह आदेश जारी किया गया है।

खान मुबारक इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान ही अपराध में आ गया था। शहर में पहली हत्या करने के बाद जेल से छूटने पर भाई जफर सुपारी ने खान मुबारक को माफिया डान छोटा राजन से मिलवाया था। इसके बाद वह छोटा राजन के लिए शूटर के तौर पर काम करने लगा। इसके बाद ही वह आतंक का पर्याय बन गया था। मुम्बई में काम करने के दौरान भी खान मुबारक ने उत्तर प्रदेश में अपना नेटवर्क मजबूत किया। वह 2007 से 2012 के बीच नैनी जेल समेत प्रदेश की कई जेलों में बंद रहा।2012 में जेल से निकलते ही मुबारक ने रंगदारी न देने पर मालिक मालिक अईनुद्दीन की हत्या करा दी थी। इसके बाद उसे कई मामलों में जेल जाना पड़ा। 2016 में वह फिर छूटा था।

Back to top button