ऑस्ट्रेलिया के बोंडी बीच पर शूटर को पकड़ने में भारतवंशी ने की थी मदद

ऑस्ट्रेलिया में सिडनी के बोंडी बीच पर रविवार को हनुक्का उत्सव मनाने के दौरान यहूदियों पर आतंकी हमला हुआ था। इस हमले को अंजाम देने वाले दो शूटरों में से एक को पकड़ने में मदद करने वाले भारतीय मूल के 34 वर्षीय व्यक्ति ने कहा कि वह एक हमलावर को मार गिराना चाहते थे और जरूरतमंद लोगों की मदद करना चाहते थे।

बीते रविवार को पिता-पुत्र साजिद अकरम और नवीद अकरम ने बोंडी बीच पर यहूदियों पर हमला किया था। इसमें 15 लोगों की मौत हुई थी और 40 लोग घायल हुए, जिनमें भारतीय छात्र भी हैं। सिडनी निवासी 50 वर्षीय साजिद को मार गिराया गया था, जबकि आस्ट्रेलिया में जन्मा उसका 24 वर्षीय बेटा नवीद घायल हो गया। दोनों हमलावर इस्लामिक स्टेट (आइसिस) से प्रेरित थे।

उन्होंने नवंबर में फिलीपींस की यात्रा भी की थी। साजिद ने भारत के पासपोर्ट पर और नवीद ने आस्ट्रेलिया के पासपोर्ट पर यह यात्रा की थी। एसबीएस न्यूज के अनुसार, भारतीय और न्यूजीलैंड मूल के माता-पिता के बेटे अमनदीप सिंह-बोला ने साजिद को काबू करने में मदद की थी। अमनदीप उस ब्रिज पर दौड़कर गए थे, जहां से हमलावर लोगों पर गोलियां बरसा रहा था।

उन्होंने एक पुलिस अधिकारी की मदद से उसे काबू किया था। उन्होंने कहा, ‘मैं (शूटर पर) कूद पड़ा और उसके हाथ पकड़ लिए। पुलिस अधिकारी की दद की और कहा कि उसे छोड़ना नहीं।’ घटना के समय वह कबाब खा रहे थे और समुद्र तट पर सूर्यास्त का नजारा देख रहे थे। शुरू में गोलीबारी की आवाज को पटाखे की आवाज समझा था।

नफरती भाषण से निपटने को नया कानून बनाएगा आस्ट्रेलिया

रॉयटर के अनुसार, यहूदियों पर हमले के बाद आस्ट्रलियाई सरकार नफरती भाषण के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने जा रही है। प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने गुरुवार को नफरती भाषण से निपटने के लिए नया कानून बनाने का वादा किया। उन्होंने बताया कि सरकार ऐसा कानून बनाने का प्रयास करेगी, जिससे नफरती भाषण और हिंसा को बढ़ावा देने वाले लोगों के खिलाफ आरोप लगाना आसान हो जाएगा।

ऐसे मामले में दंड बढ़ाने के साथ ही वीजा रद करना या अस्वीकार करना आसान किया जाएगा। उन संगठनों को निशाना बनाने के लिए एक प्रणाली विकसित की जाएगी, जिसके नेता नफरती भाषण में लिप्त रहते हैं।

उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में सुधारों की घोषणा की। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आस्ट्रेलियाई लोग सदमे और गुस्से में हैं। मैं भी गुस्मे में हूं। यह स्पष्ट है कि हमें बुराई के इस स्त्रोत से मुकाबला करने के लिए और बहुत कुछ करने की जरूरत है।’

बच्चे का किया अंतिम संस्कार

हमले मारे गए मैटिल्डा नामक 10 वर्षीय बच्चे का गुरुवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया। उसके शव को दफनाया गया और ताबूत पर खिलौने रखे गए थे। आतंकी हमले में मारे गए लोगों का बुधवार को अंतिम संस्कार शुरू हुआ। अंतिम संस्कार स्थल हमले की जगह से अधिक दूर नहीं है।

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