किसानों के ग्रिड कनेक्टेड सोलर पम्प से 2000 मेगावाट विद्युत उत्पादन का लक्ष्य -श्री ए0के0 शर्मा
- ऊर्जा मंत्री भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय द्वारा देश के सभी राज्यों के ऊर्जा मंत्रियों की बुलाई गई बैठक में शामिल हुए
- उत्तर प्रदेश बिजली के क्षेत्र में व्यापक कार्य कर सबल, सुदृढ़ और आत्मनिर्भर हो रहा
- उत्तर प्रदेश बिजली पावर मैनेजमेंट में बहुत ही संवेदनशील क्षेत्र रहा
- गैर-परम्परागत ऊर्जा स्रोतों से कुल 22 गीगावाट ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य
- सौर ऊर्जा के क्षेत्र में 7000 मेगावाट क्षमता के प्लाण्ट पाइप लाइन में आ चुके
- रूफटॉप से 300 मेगावाट से ज्यादा क्षमता का विद्युत उत्पादन किया जा रहा
लखनऊ: 06 नवम्बर, 2023
प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री श्री ए0के0 शर्मा ने आज नई दिल्ली में भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय द्वारा केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री के नेतृत्व में देश के सभी राज्यों के ऊर्जा मंत्रियों की बुलाई गई बैठक में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने प्रदेश की बिजली व्यवस्था के संबंध में कहा कि मा0 प्रधानमंत्री जी आशीर्वाद व संकल्प के अनुरूप तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के मार्गदर्शन एवं कुशल नेतृत्व में उत्तर प्रदेश बिजली के क्षेत्र में व्यापक कार्य कर सबल, सुदृढ़ और आत्मनिर्भर हो रहा है।
ऊर्जा मंत्री श्री ए0के0 शर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश बिजली पावर मैनेजमेंट में बहुत ही संवेदनशील क्षेत्र रहा है। प्रधानमंत्री जी के वर्ष 2070 तक नेट जीरो एमीशन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कोयले की निर्भरता में कमी लाने हेतु रिन्यूएवल एनर्जी के क्षेत्र में बेहतर कार्य किया जा रहा है। इसके लिए दिसम्बर, 2022 में नई सौर ऊर्जा नीति-2022 और बायो एनर्जी नीति -2022 बनायी गयी है। इसमें गैर-परम्परागत ऊर्जा स्रोतों से कुल 22 गीगावाट ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। बहुत जल्द ही प्रदेश में ग्रीन हाइड्रोजन नीति भी लायी जा रही है। अभी तक इस क्षेत्र में 7000 मेगावाट क्षमता के प्लाण्ट पाइप लाइन में आ चुके हैं। 150 से 200 मेगावाट क्षमता के प्लाण्ट कमीशण्ड भी हो चुके हैं।
प्रदेश सरकार ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ावा दे रही और लोगों को रूफटॉप सोलर सिस्टम लगवाने के लिए जागरूक कर रही। साथ ही सरकारी व सार्वजनिक संस्थानों एवं निजी संस्थानों में भी रूफटॉप लगाने के प्रयास किये जा रहे हैं। 300 मेगावाट से ज्यादा क्षमता का विद्युत उत्पादन किया जा रहा। यूपीनेडा द्वारा केन्द्र और राज्य सरकार से मिल रही सब्सिडी को पारदर्शिता के साथ दी जा रही है। अक्षय ऊर्जा स्रोतों से प्रदेश का पर्यावरण बेहतर हो रहा साथ ही लोेगों को रोजगार भी मिल रहा है। यूपीनेडा द्वारा भी नवयुवकों को सूर्य मित्र का पशिक्षण दिया जा रहा। नवयुवकों को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र भी दिया जा रहा है।
नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में कुल 8 लाख करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त हुआ है। अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में उद्योग लगाने के लिए निवेशकों को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। अभी तक इस क्षेत्र में 09 प्रोजेक्ट सैंक्शन्ड हो चुके हैं। प्रदेश में 10 सोलर पार्क बनाये जा रहे।
प्रदेश सरकार केन्द्र की कुसुम सी-1 योजना के तहत वर्ष 2027 तक सौर ऊर्जा से 2000 मेगावाट विद्युत उत्पादन का लक्ष्य है।
किसानों को ग्रिड कनेक्टेड सोलर पम्प दिये जा रहे। कुसुम सी-1 में सभी किसानों को 90 प्रतिशत तथा वनटांगिया, मुसहर जैसे कमजोर समुदायों को 100 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। ग्राम पंचायतों में सोलर स्ट्रीट लाइट भी लगायी जा रही। यूपीनेेडा ने योजनाओं के प्रभावी व पारदर्शी क्रियान्वयन हेतु जैव ऊर्जा एवं सौर ऊर्जा पोर्टल भी विकसित किया गया है। सोलर रूफटॉप पावर प्लाण्ट की समस्याओं हेतु सोलर समाधान पोर्टल भी लांच किया जा चुका है। साथ ही राज्य स्तर पर पर्यावरण और वानिकी संबंधी आ रही समस्याओं को भी हल किया जा रहा है।