जानिए कैसे शुरू हुआ जेएनयू में मारपीट और हिंसा, किसने किस पर लगाए आरोप
जेएनयू टीचर एसोसिएशन की मीटिंग के दौरान छात्रों के दो गुटों में भिड़ंत हो गई। इसके बाद आगजनी और हिंसा हुई। इस दौरान दोनों छात्र गुटों ने गर्ल्स हास्टल समेत पूरे परिसर में जमकर हंगामा किया और तोड़फोड़ की। बताया जा रहा है कि करीब 12 से अधिक लोग तलवार, रॉड और डंडों के साथ परिसर में घुसे और छात्रसंघ की अध्यक्ष आईशी घोष समेत प्रोफेसर सुचित्रा सेन पर हमला कर दिया। हमले में दोनों गंभीर रूप से घायल हुए हैं। उन्हें एम्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है।
जेएनयू प्रशासन से सूचना मिलने पर ज्वाईंट सीपी समेत डीसीपी देवेन्द्र आर्य और साऊथ वेस्ट जिले के सभी थानों की फोर्स मौके पर पहुंची और करीब दो घंटे बाद स्थिति पर काबू पाया। पुलिस ने करीब 50 छात्रों को हिरासत में लिया। इसके बाद से छात्रों में आक्रोश है।
साढ़े सात बजे शुरू हुई हिंसा
बताया जा रहा है कि दोपहर से चल रही बैठक के दौरान एबीवीपी और लेफ्ट विंग से जुड़े छात्र संगठन एक साथ मौके पर पहुंच गए। इसी दौरान दोनों पक्षों बहस हो गई। देखते ही देखते दोनों ओर से लाठी-डंडे चलने लगे। दोनों ओर से पथराव भी हुआ। इसमें कुल 27 छात्र-छात्राओं को चोटें आई हैं। एम्स ट्रॉमा सेंटर में 23 व सफदरजंग अस्पताल में चार घायलों को भर्ती कराया गया है। जेएनयू के अलग-अलग हॉस्टल में भी जमकर तोड़फोड़ की गई है।
साबरमती और अन्य हॉस्टल में भी छात्रों की पिटाई की गई। पथराव व तोड़फोड़ करने वालों में से कई ने नकाब पहन रखा था। जेएनयूएसययू की अध्यक्ष आइशी घोष पर नकाबपोश ने हमला किया।
सभी रास्ते बंद
बवाल की सूचना के बाद पहुंची पुलिस ने एहतियातन जेएनयू के सभी मार्गों को देर रात बंद कर दिया है। कैंपस के बाहर भी किसी भी प्रकार के प्रदर्शनकारी को प्रवेश या बाहर निकलने पर रोक लगा दी है।
प्रशासन ने की शांति बनाए रखने की अपील
रविवार को मारपीट की घटना को लेकर देर रात जेएनयू प्रशासन ने जारी बयान में कहा कि उन्हें सूचना मिली थी कि कुछ उपद्रवी चेहरे पर नकाब पहनकर जेएनयू में घुस गए हैं। हाथ में डंडे लेकर यहां पर मारपीट व तोड़फोड़ कर रहे हैं। इस संबंध में पुलिस को कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सूचना दी जा चुकी है। जेएनयू के छात्र ऐसे उपद्रवियों को देखें तो तुरंत 100 व 112 नंबर पर पुलिस को सूचित करें।