मिक्सर में छिपकर आ रहे थे लखनऊ, पुलिस ने पकड़ा

इंदौर। कोरोना के संकट काल में सबसे बुरी स्थिति प्रवासी मजदूरों की है, कोई सैकड़ों/हजारों किलोमीटर पैदल अथवा साइकिल से चलने को मजबूर है तो कोई अपनी जमापूंजी खर्च कर अवैध रूप से अपने घर पहुंचने को व्याकुल। महाराष्ट्र के सीमेंट-कांक्रीट मिक्सर वाले चार पहिया गाड़ी में छिपकर उत्तर प्रदेश जा रहे 14 प्रवासी मजदूरों समेत 18 लोगों को मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में ट्रैफिक पुलिस ने शनिवार को रोक लिया। इन्हें शेल्टर होम में भेजा गया है। ट्रैफिक पुलिस के सूबेदार (उपनिरीक्षक स्तर का पुलिस अधिकारी), अमित कुमार यादव ने बताया कि इंदौर शहर से करीब 35 किलोमीटर दूर पंथ पिपलई गांव में नियमित जांच के दौरान सीमेंट-कांक्रीट मिक्सर वाले ट्रक को रोका गया।

उन्होंने बताया, “संदेह होने पर जब हमने सीमेंट-कांक्रीट मिक्सर के खुले ढक्कन से झांक कर देखा, तो इसमें एक साथ 18 लोगों को पाकर हमारी आंखें खुली की खुली रह गयीं। इनमें 14 प्रवासी मजदूर और ट्रक मालिक के चार कर्मचारी शामिल हैं। यादव ने बताया, शुरुआती पूछताछ में मजदूरों ने बताया कि वे मूलत: यूपी के रहने वाले हैं और लॉकडाउन के चलते महाराष्ट्र में कल-कारखाने बंद होने के चलते उनके सामने पिछले कई दिन से आजीविका का संकट था। इसलिए वे किसी भी तरह लखनऊ पहुंचना चाहते थे।

सूबेदार ने बताया कि मजदूरों के मुताबिक वे सीमेंट-कांक्रीट मिक्सर में छिपकर शुक्रवार को महाराष्ट्र से रवाना हुए थे। गौरतलब है कि शुक्रवार को देशदुनिया में मजदूर दिवस मनाया गया था। यादव ने बताया कि मजदूरों को फिलहाल शेल्टर होम में भेजा गया है। डॉक्टरों की टीम बुलाकर उनके स्वास्थ्य की जांच कराई जा रही है। उन्हें उत्तरप्रदेश भेजने के लिये बस की व्यवस्था भी की जा रही है।

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