यूपी चुनाव से पहले पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की सौगात
यूपी में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र ‘किसकी कमीज सबसे ज्यादा सफेद…’ की तर्ज पर किसका एक्सप्रेस-वे सबसे अच्छा की सियासत शुरू हो गई। इसकी वजह यह है कि प्रदेश में मची चुनावी हलचल के बीच 16 नवम्बर को पीएम मोदी के हाथों योगी सरकार की बड़ी उपलब्धियों में से एक पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन की तारीख आ गई। 22500 करोड़ रुपये की लागत से 36 महीने में तैयार 341 किलोमीटर के इस एक्सप्रेस-वे को अब तक का सबसे लंबा और शानदार एक्सप्रेस वे बताया जा रहा है। सरकार ने इस एक्सप्रेस-वे की गुणवत्ता को प्रमाणित करने और विरोधियों को जवाब देने के लिए पीएम के हाथों उद्घाटन के मौके पर यहां लड़ाकू विमानों को उतारने का भी इंतजाम किया।
दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने कार्यकाल में बने लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे को बेहतर बताते हुए पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की गुणवत्ता को लेकर लगातार सवाल उठा रहे हैं। अखिलेश पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर लड़ाकू विमान उतारने के फैसले को भी अपनी सरकार की नकल बताते हुए योगी सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, भाजपा ने दोबारा सत्ता के लिए इस एक्सप्रेसवे को बड़े पैमाने पर प्रचारित प्रसारित करने की योजना बनाई है। 2017 के विधानसभा चुनावों में पूर्वी यूपी में हासिल की गई बढ़त को मजबूत करने के लिए इस एक्सप्रेस-वे ऐसी सड़क के रूप में पेश किया जा रहा है जो पूर्वी यूपी के पिछड़े क्षेत्रों को विकसित क्षेत्र में बदल देगा। साफ है कि लखनऊ से गाजीपुर तक बने 341 किलोमीटर लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे ने भाजपा और विपक्षी दलों के बीच चुनावी लड़ाई की पिच तैयार कर दी है। सपा-बसपा दोनों बीजेपी को इस एक्सप्रेस-वे का क्रेडिट नहीं लेने देना चाहती हैं। हालांकि इन दोनों राजनीतिक दलों ने अपने-अपने कार्यकाल में बनवाए एक-एक एक्सप्रेस वे का चुनावी प्रचार कम नहीं किया था। बहरहाल सियासत में आरोप-प्रत्यारोप चलता रहेगा। इससे अलग हटकर यदि सिर्फ एक्सप्रेस-वे की बात करें तो यह सही है कि यूपी में हर नया एक्सप्रेस-वे तरक्की की नई इबारत लिख रहा है।
उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डिवेलपमेंट अथॉरिटी का प्लान सिर्फ इस एक्सप्रेसवे तक ही सीमित नहीं है बल्कि तीन और बड़े प्रोजेक्ट फिलहाल पाइपलाइन में हैं। ये प्रोजेक्ट हैं बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे। इसके अलावा मेरठ से सीधे प्रयागराज को जोड़ने वाले गंगा एक्सप्रेसवे को भी बनाने की तैयारी चल रही है, जो करीब 550 किलोमीटर लंबा होगा। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के माध्यम से इटावा से सीधे चित्रकूट तक का सफर तय हो सकेगा। इस पर तेजी से काम चल रहा है और प्रदेश सरकार की योजना अगले साल के अंत तक इसे लॉन्च करने की है।