योगी सरकार प्रवासी श्रमिकों को अपने ही गांव में रोजगार करने के लिए देगी लोन

लखनऊ। देश के अलग-अलग हिस्सों से लौट रहे प्रवासी श्रमिकों के लिये उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने रोजगार मुहैया कराने के लिये कई कदम उठाये हैं। लॉकडाउन के कारण यूपी लौटे लाखों की संख्या में प्रवासी श्रमिकों को उनके गांव में ही स्वरोजगार के लिए योगी सरकार लोन देने की भी योजना बनाई है।

सीएम योगी आदित्यनाथ की योजना सभी को उनकी कार्य क्षमता के अनुसार प्रदेश में ही रोजगार देने की है। इसके तहत राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण फैसले लिये हैं।

लॉकडाउन के दौरान दूसरे प्रदेशों से आए 26 लाख से अधिक श्रमिकों में से जांच के बाद जिसे भी होम क्वारंटीन को भेजा गया उन सबको भरण-पोषण के रूप में एक हजार रुपये और तय मात्रा में राशन दिया गया।

  • हर श्रमिक की स्किल मैपिंग और दक्षता के अनुसार उनको स्थानीय स्तर पर रोजगार देने की पहल के क्रम में 29 मई को फिक्की, आईआईए, लघु उद्योग भारती और नारडेको से समझौता. इसके तहत 11 लाख श्रमिकों को उनकी दक्षता के अनुसार स्थानीय स्तर पर मिलेगा रोजगार।
  • अर्द्धकुशल और अकुशल श्रमिकों का हुनर निखारने के लिए अल्पकालीन प्रशिक्षण कार्यक्रम की योजना।
  • लॉकडाउन के दौरान 82 हजार से अधिक श्रमिकों को औद्योगिक इकाईयों से 1677.36 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान।
  • निर्माण कार्य से जुड़े 33 लाख श्रमिकों के खातों में एक-एक हजार की धनराशि का भुगतान किया गया।
  • पेंशन पाने वाले करीब 87 लाख बुजुर्गों, दिव्यांगों और बेसहारा महिलाओं को दो महीने की अग्रिम पेंशन दी जा चुकी है. दो महीने की अतिरिक्त पेंशन देने की घोषणा। इस तरह उनको कुल 12 की जगह कुल 14 महीने की पेंशन मिलेगी।
  • मजदूर दिवस के दिन 30 लाख श्रमिकों एवं कामगारों को एक-एक हजार रुपये के भरण-पोषण भत्ते की दूसरी किस्त के रूप में 300 करोड़ रुपये की धनराशि खातों में भेजी गई।
  • उत्तर प्रदेश सरकार ने देश के अन्य राज्यों में जहां भी यूपी के श्रमिक हैं, उनकी सहायता के लिए 32 नोडल अधिकारियों को नियुक्त कर रखा है, जिसमें 16 आईएएस और 16 आईपीएस अधिकारी शामिल हैं. ये अधिकारी अब तक 7 लाख से ज्यादा प्रवासी श्रमिकों से संपर्क कर उनकी समस्याओं का समाधान कर चुके हैं।
  • आने वाले श्रमिकों को बिना कार्ड राशन दिया जा रहा है और कार्ड बनाने की प्रक्रिया भी शुरू की गयी है।

एमएसएमई, ओडीओपी, मनरेगा और स्वयं सहायता समूहों के जरिए सरकार श्रमिकों को रोजगार दे रही है। कौन विभाग कितने रोजगार देगा इसकी कार्ययोजना बन चुकी है।

  • न्यूनतम जोखिम में स्थानीय स्तर पर रोजगार देने की सर्वाधिक संभावना वाले सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग की सभी 90 लाख इकाईयों में सरकार एक-एक व्यक्ति को रोजगार देगी।
  • इन इकाइयों की क्षमता बढ़े इनके उत्पादों की गुणवत्ता सुधारने में हुनरमंद श्रमिक मददगार बनें इसके लिए सरकार इनको उदार शर्तों पर कर्ज दे रही है।
  • पहले चरण में 57000 हजार उद्यमियों को 2000 हजार करोड़ का ऑनलाइन ऋण दिया गया। जून, जुलाई और अगस्त के पहले हफ्ते में इसी तरह के मेगा ऑनलाइन लोन मेले आयोजित होंगे।
  • पटरी व्यवसायियों को भी सरकार भरण-पोषण भत्ता और राशन मुहैया करा रही है।                                                                   उम्मीद की जा रही इस पूंजी से अपनी क्षमता विस्तार में ये इकाईयां करीब आठ से नौ लाख श्रमिकों को रोजगार देंगी।

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