सबजेल MLA हॉस्टल श्रीनगर में बंद इन नेताओं की जल्द हो सकती है रिहाई

सबजेल एमएलए हॉस्टल श्रीनगर अगले चंद दिनों में खाली हो सकता है। कारण सबजेल एमएलए हॉस्टल में बीते एक माह से बंदी बनाकर रखे गए पांच से छह नेताओं को छोड़ अन्य सभी को जल्द ही सशर्त रिहा करने के विकल्प पर प्रशासन गंभीरता से विचार कर रहा है। पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन, जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के चेयरमैन शाह फैसल, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के नईम अख्तर, वहीद उर-रहमान पारा और नेशनल कांफ्रेंस के महासचिव अली मोहम्मद सागर को रिहा करने के बजाय अन्यत्र किसी अन्य जगह स्थानांतरित किया जा सकता है। डॉ फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती समेत तीनों पूर्व मुख्यमंत्रियों की मार्च से पहले रिहाई की संभावना भी न के बराबर व्यक्त की जा रही है।

गौरतलब है कि पांच अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम को लागू किए जाने से उपजे हालात के बीच प्रशासन ने एहतियात के तौर पर अलगाववादियों के अलावा गैर भाजपा दलों से जुड़े मुख्यधारा की राजनीति करने वाले सभी प्रमुख राजनीतिक नेताओं व कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया था। इनमें तीन पूर्व मुख्यमंत्री डॉ फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती भी हैं। इन तीनों को अलग-अलग जगहों पर रखा गया है। फारूक अब्दुल्ला फिलहाल, पीएसए के तहत नजरबंद हैं। तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों के अलावा हिराासत में लिए गए सभी प्रमुख नेताओं को पहले शेरे कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर परिसर में स्थित सेंटूर होटल में रखा गया था। सेंटूल होटल को सबजेल का दर्जा दिया गया था। शुरू में सेंटूर जेल में करीब 57 लोगों को रखा गया। हालात में सुधार के बाद वहां से कई नेताओं को रिहा किया गया और कुछ को वहां से उनके घरों में स्थानांतरित कर नजरबंद रखा गया।

गत नवंबर माह के दौरान 34 नेताओं जिनमें सज्जाद गनी लोन, श्रीनगर के पूर्व डिप्टी मेयर शेख इमरान, नेशनल कांफ्रेंस के महासचिव अली मोहम्मद सागर, श्रीनगर के पूर्व मेयर और नेश्नल कांफ्रेंस की युवा इकाई के प्रधान सलमान सागर, नेकां विधायक इश्फाक जब्बार, पीडीपी के नईम अख्तर, वहीद उर रहमाना पारा, जहूर मीर, जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के चेयरमैन शाह फैसल के नाम प्रमुख हैं, को सेंटूर सबजेल से एमएलए हॉस्टल में स्थानांतरित किया गया। इसके साथ ही एमएलए हॉस्टल को सबजेल का दर्जा दिया गया था।

सूत्रों ने बताया कि वादी में लगातार सुधरते हालात और राजनीतिक गतिविधियों को बहाल करने के लिए केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार एमएलए हॉस्टल में रखे गए राजनीतिक बंदियों की सिलसिलेवार रिहाई का क्रम जारी रखा हुआ है। यह रिहाई एक बांड के आधार पर हो रही है। तीन दिन पहले सब जेल एमएलए हॉस्टल से पांच पूर्व विधायकों और एमएलसी को रिहा किया गया है। इन पांच नेताओं की रिहाई से पहले भी सबजेल एमएलए हॉस्टल से कुछ नेताओं को रिहा किया गया है और इस समय करीब दो दर्जन नेता ही इस सबजेल में एहतियातन हिरासत को झेल रहे हैं।

उन्होंने बताया कि इस सबजेल एमएलए हॉस्टल में बंद नेताओं में से अधिकांश को अगले 10-15 दिनों में क्रमानुसार रिहा किया जाएगा। इन सभी नेताओं को एक बांड भरना होगा, जिसमें यह लोग जम्मू-कश्मीर में शांति व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग का यकीन दिलाएंगे। उन्होंने बताया कि इसी क्रम में छह नेताओं जिनमें पीडीपी के पूर्व विधायक एजाज मीर, नेकां नेता सलमान सागर, शौकत गनई, अली मोहम्मद डार, अल्ताफ कालू, अवामी इत्तेहाद पार्टी के नेता बिलाल सुल्तान के नाम बताए जा रहे हैं को अगले पांच दिनों में रिहा किया जा सकता है। अल्ताफ कालू का स्वास्थ्य ठीक नहीं है, जबकि सलमान सागर के नाना का देहांत हुआ है और वह अपने परिजनों के साथ दुख की इस घड़ी में रहना चाहते हैं।

सूत्रों के अनुसार, पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन, पूर्व नौकरशाह शाह फैसल, पीडीपी नेता नईम अख्तर, वहीद उर रहमान पारा और नेकां महासचिव अली मोहम्मद सागर को फिलहाल रिहा किए जाने की कोई योजना नहीं है। इन नेताओं के साथ कई बार संबंधित प्रशासन ने रिहाई के मुद्दे पर चर्चा करते हुए बांड भरने को कहा है, लेकिन इन्होंने सशर्त रिहाई से इन्कार किया है। कहा जाता है कि शाह फैसल, नईम अख्तर, सागर और लोन ने तो बातचीत के लिए आए अधिकारियों के साथ तीखी बहस करते हुए एक बार बांड के दस्तावेज को भी फाड़ दिया था।

उन्होंने बताया कि इन पांच नेताओं के अलावा अन्य सभी नेताओं को, सबजेल एमएलए हॉस्टल से अन्य नेताओं की रिहाई की प्रक्रिया के पूरा होने के बाद श्रीनगर में ही अन्यत्र एक अन्य सरकारी गेस्ट हाउस में स्थानांतरित किया जाएगा। यह गेस्टहाउस गुपकार मार्ग या फिर राममुुंशी बाग इलाके में किसी जगह हो सकता है।

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