हलाल सर्टिफिकेशन होगा 'हराम', यूपी में लग सकता है प्रतिबंध

  • अब यूपी में नहीं बिक पाएंगे हलाल सर्टिफाइड उत्पाद
  • तेल, साबुन, टूथपेस्ट, मधु जैसे शाकाहारी उत्पादों को भी दे रहे हलाल प्रमाण पत्र
  • मुख्यमंत्री योगी ने लिया संज्ञान, होगी सख्त कार्रवाई
  • राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में खर्च हो रही कमाई, लखनऊ कमिश्नरेट में दर्ज हुई एफआईआर
  • हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई, जमीयत उलेमा हिन्द हलाल ट्रस्ट दिल्ली, हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया
    मुम्बई, जमीयत उलेमा महाराष्ट्र मुम्बई आदि पर दर्ज हुई एफआईआर
  • नियमविरुद्ध हो रहा सर्टिफिकेशन, जनआस्था के साथ खिलवाड़
  • मजहब की आड़ लेकर एक वर्ग विशेष में हो रहा अनर्गल प्रचार-प्रसार
  • करोड़ों रुपये का अनुचित लाभ भी कमा कर उससे आतंकवादी संगठनों व राष्ट्र विरोधी गतिविधियों की फन्डिंग
    की आशंका

लखनऊ, 18 नवंबर: बिना किसी अधिकार के खान-पान व सौंदर्य प्रसाधन के उत्पादों को अवैध ढंग से 'हलाल
सर्टिफिकेट' देने के काले कारोबार पर अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का चाबुक चलने जा रहा है। मजहब की
आड़ लेकर एक धर्म विशेष को बरगलाने और अन्य धर्मों के बीच विद्वेष भड़काने की इस नापाक कोशिश का
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है और कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। आशंका है कि
कूटरचित दस्तावेजों का सहारा लेकर हलाल सर्टिफिकेट के नाम पर इकट्ठा हो रही अवैध कमाई से आतंकवादी
संगठनों व राष्ट्र विरोधी गतिविधियों की फन्डिंग की जा रही है। वहीं अब लखनऊ कमिश्नरेट में एफआईआर
भी दर्ज की गई है।

एफआईआर के मुताबिक हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई, जमीयत उलेमा हिन्द हलाल ट्रस्ट दिल्ली, हलाल
काउंसिल ऑफ इंडिया मुम्बई, जमीयत उलेमा महाराष्ट्र मुम्बई आदि द्वारा एक धर्म विशेष के ग्राहकों को
मजहब के नाम से कुछ उत्पादों पर हलाल प्रमाणपत्र प्रदान कर उनकी ब्रिकी बढ़ाने के लिए आर्थिक लाभ लेकर

अवैध कारोबार चलाया जा रहा है। इन कंपनियों के पास किसी उत्पाद को प्रमाण पत्र देने का कोई अधिकार
नहीं है। उक्त कम्पनियों द्वारा कूटरचित प्रमाण पत्र तैयार कर आर्थिक लाभ लेकर विभिन्न कम्पनियों को
हलाल प्रमाण पत्र निर्गत किया जा रहा है। यह सामाजिक विद्वेष बढ़ाने वाला तो है ही जनआस्था के साथ छल
है। शिकायतकर्ता ने इसे बड़ी साजिश की आशंका जताते हुए कहा है कि जिन कम्पनियों ने ऐसा हलाल प्रमाण
पत्र इनसे नहीं प्राप्त किया है, उनके उत्पादन की बिक्री को घटाने का प्रयास भी किया जा रहा है, जो कि
आपराधिक कृत्य है। आशंका है कि इस अनुचित लाभ को समाज विरोधी/राष्ट्र विरोधी तत्वों को पहुंचाया जा
रहा है। खास बात यह कि शाकाहारी उत्पादों जैसे तेल, साबुन, टूथपेस्ट, मधु आदि की बिक्री के लिए भी हलाल
प्रमाण पत्र दिया जा रहा है, जबकि शाकाहारी वस्तुओं पर ऐसे किसी प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होती है।
जाहिर है कि एक समुदाय विशेष एवं उनके उत्पादों के विरुद्ध आपराधिक षडयन्त्र किया जा रहा है।

शिकायतकर्ता का आरोप है कि मजहब की आड़ लेकर एक वर्ग विशेष में अनर्गल प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा
है कि ऐसे उत्पाद का प्रयोग न करें जिसे इनकी कम्पनी द्वारा हलाल प्रमाणपत्र न दिया गया हो। परिणाम
स्वरुप दूसरे समुदाय विशेष व्यावसायिक हितों का नुकसान हो रहा है। इस प्रकार आम नागरिकों के लिये
उपयोग होने वाली वस्तुओं पर भी हलाल प्रमाण पत्र जारी कर अनुचित आर्थिक लाभ कमाने का कुत्सित प्रयास
किया जा रहा है। उपरोक्त कम्पनियों द्वारा ऐसा न केवल आर्थिक लाभ के लिए बल्कि समाज में वर्ग विद्वेष
फैलानें, आम जन मानस मे विभेद कराकर देश को कमजोर करने के लिए पूर्व सुनियोजित योजना के अनुसार
किया जा रहा है।

जिसमे उक्त कम्पनियों के मालिक प्रबन्धक के अलावा अन्य तमाम लोगो की भी एक
आपराधिक षडयंत्र के तहत सहभागिता है तथा इसमें राष्ट्र विरोधी षड्यंत्र करने वाले व देश को कमजोर करने
वाले अन्य तमाम लोग भी शामिल है। शिकायतकर्ता ने उक्त लोगों द्वारा करोड़ों रुपये का अनुचित लाभ भी
कमा कर उससे आतंकवादी संगठनों व राष्ट्र विरोधी गतिविधियों की फन्डिंग किये जाने की आशंका भी जताई
है। बता दें कि खान-पान के उत्पादों की गुणवत्ता आदि के प्रमाण पत्र के लिए एफएसएसएआई व आईएसआई
जैसी संस्थाओं को अधिकृत किया गया है।

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