लखनऊ विश्वविद्यालय में अब मार्कशीट या डिग्री के लिए छात्रों को नहीं लगाने पड़ेंगे चक्कर
लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्र को अब मार्कशीट या डिग्री के लिए चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। यह उनके घर पहुंचेगी। अच्छी बात यह है कि यह मार्कशीट भी लैमिनेटेड होगी। कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने बुधवार को परास्नातक छात्रों के साथ हुए संवाद में इनकी घोषणा की।
कुलपति ने बताया कि इसके लिए पोस्टल डिपार्टमेंट से बात शुरू हो गई है। कुलपति-छात्र संवाद के दूसरे दिन बुधवार को प्रो. आलोक कुमार राय ने परास्नातक छात्रों ने बात की। मालवीय सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में बढ़ी संख्या में छात्र पहुंचे। शुरुआत छात्रों की समस्याओं के साथ की गई।
विश्लेषणात्मक होगा पीजी का पेपर: कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने बताया कि परास्नातक के पेपर पैटर्न में काफी बदलाव किया जाएगा। उन्होंने प्रस्ताव रखा कि परास्नातक स्तर में प्रश्न-पत्र विश्लेषणात्मक एवं स्नातक स्तर पर प्रश्नपत्र अवधारणात्मक होना चाहिए। अभी कई विषयों में ऑब्जेक्टिव सवाल पूछे जाते हैं।
कुलपति ने बताया कि परीक्षा विभाग से जुड़े सभी समस्याओं को समयबद्ध तरीके से दूर करने की व्यवस्था की जा रही है। छात्र अपनी समस्या को ऑनलाइन विश्वविद्यालय से साझा कर सकेंगे और विश्वविद्यालय का परीक्षा विभाग उसे समयबद्ध तरीके से दूर करेगा। उन्होंने बताया कि परास्नातक स्तर पर डिसर्टेशन को अनिवार्य किया जाएगा।
हरियाली बचाएं
कुलपति ने छात्रों से पौधारोपण करने के साथ-साथ एक पेड़ को गोद लेने की अपील की। साथ ही, विभाग स्तर पर पूर्व छात्रों के साथ एक समन्वयक स्थापित करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि यह पूर्व छात्र ही उन्हें भविष्य में बेहतर विकल्प चुनने में मदद कर सकेंगे। इसके लिए विभाग स्तर पर छात्रों को पूर्व छात्र समिति बनाने की भी सलाह दी।
सभी विभागों का एकेडमिक ऑडिट होगा
विश्वविद्यालय जल्द ही सभी विभागों का एकेडमिक ऑडिट कराया जाएगा। इस दौरान विभाग में संचालित पाठ्यक्रम और उनकी स्थितियों का मूल्यांकन होगा। कुलपति ने बताया कि कुछ विभागों में संचालित पाठ्यक्रमों की स्थिति बेहद खराब है। 30 सीट के मुकाबले 5-6 प्रवेश लिए गए हैं। ऐसे सभी पाठ्यक्रमों का मूल्यांकन होना। अगर, पिछले कई वर्षों से यह स्थितियां हैं तो उनके लिए विशेष कार्ययोजना तैयार की जाएगी।
यूजी के छात्रों के बनें अभिभावक
कुलपति ने पीजी के छात्रों को किसी भी एक यूजी के छात्र का अभिभावक बनने की अपील की। कहा कि वह उस छात्र को करियर बनाने के लिए बेहतर सुझाव दे सकते हैं। कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय में एक केंद्रीय प्लेसमेंट सेल का गठन किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय अपनी व्यवस्थाओं को और भी मजबूत करने जा रहा है। इसके साथ ही, उन्होंने विभाग स्तर पर भी प्लेसमेंट सेल के गठन का सुझाव रखा। इसमें, छात्रों के रोजगार सम्बन्धी समस्यायों का निराकरण किया जा सके। उन्होंने बताया कि इन्टरप्रेन्योर सेल और इनोवेशन सेल में छात्रों को उद्यमिता की ओर बढ़ने में पूरी मदद दी जाएगी।
फॉरेन्सिक साइंस का कोर्स है पर क्लासरूम नहीं
राजनीति शास्त्र विभाग के एक छात्र ने छात्रसंघ बहाली की मांग की। छात्र ने कहा कि इससे छात्रों की सहभागिता और लोकतंत्रिक व्यवस्था को लेकर समझ विकसित होती है। कुछ छात्रों ने वाई-फाई से लेकर लाइब्रेरी की समस्याओं को उठाया। फॉरेन्सिक साइंस की एक छात्रा ने क्लासरूम न होने की शिकायत दर्ज कराई। छात्रा ने बताया कि क्लासरूम न होने से कक्षाएं ही नहीं हो पा रही हैं।