महाभारत के समय हुई थी तीन ऐसी घटना, जिनका असर आज भी दिखता है
युधिष्ठिर ने दिया था सभी स्त्रियों को यह श्राप
महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ तो माता कुंती ने पांडवो के पास जाकर उन्हें कर्ण के बारे में बताया कि वह उनका भाई था। सभी पांडव इस बात को सुनकर निराश हो गए। तब युधिष्ठिर ने विधि-विधान से कर्ण का अंतिम संस्कार किया। इसके बाद माता कुंती के समीप गए और उसी क्षण उन्होंने समस्त स्त्री जाति को यह श्राप दे डाला की आज से कोई भी स्त्री किसी भी प्रकार की गोपनीय बात का रहस्य नहीं छुपा पाएगी।
पृथ्वी पर कलयुग का आगमन
जब पांडवो स्वर्गलोक की ओर प्रस्थान करने हुए तो उन्होंने अपना सारा राज्य अभिमन्यु के पुत्र परीक्षित के हाथो में सौंप दिया। राजा परिक्षित ने एक बार शमीक ऋषि के गले में एक मारा हुआ सांप डाल दिया। जब यह बात ऋषि शमीक के पुत्र श्रृंगी को पता चली तो उन्होंने राजा परीक्षित को श्राप दिया कि आज से सात दिन बाद राजा परीक्षित की मृत्यु तक्षक नाग के डसने से हो जायेगी। राजा परीक्षित के जीवित रहते कलयुग में इतना साहस नहीं था की वह हावी हो सके परन्तु उनके मृत्यु के पश्चात ही कलयुग पूरी पृथ्वी पर हावी हो गया।
तीन हजार साल तक अश्वत्थामा पृथ्वी पर भटकता रहेगा
अश्वत्थामा ने महाभारत के युद्ध में अपने अस्त्र की दिशा बदलकर अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा के गर्भ की ओर कर दी। तब भगवान श्रीकृष्ण ने अश्वत्थामा को श्राप दिया कि तुम तीन हजार वर्ष तक इस पृथ्वी पर भटकते रहोगे और किसी भी जगह, किसी पुरुष के साथ तुम्हारी बातचीत नहीं हो सकेगी।