कोरोना संक्रमण की प्रत्येक चेन को तोड़ना है: मुख्यमंत्री
समीक्षा बैठक में दिए निर्देश
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मुख्यमंत्री ने लाॅकडाउन का सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिया।
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जिलाधिकारी एवं मुख्य चिकित्साधिकारी एल-1, एल-2 तथा एल-3 कोविड चिकित्सालयों, शेल्टर होम व क्वारंटीन सेन्टर का निरीक्षण करें।
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सैम्पल लेने वालों को प्रोटोकाॅल के अनुरूप प्रशिक्षण प्रदान किया जाए.
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ग्रीन जोन तथा ओरेंज जोन में अनुमन्य की जाने वाली गतिविधियों के लिए कार्य योजना बनायी जाए।
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जनपद वाराणसी, हापुड़, रामपुर, मुजफ्फरनगर तथा अलीगढ़ में वरिष्ठ प्रशासनिक, पुलिस एवं स्वास्थ्य अधिकारी भेजे जाएं।
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प्रत्येक जनपद में 15,000 से 25,000 क्षमता के क्वारंटीन सेण्टर तथा आश्रय स्थल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
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महिला स्वयं सहायता समूहों को मास्क आदि के निर्माण कार्य से जोड़ा जाए।
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प्रयागराज से वापस भेजे जा रहे प्रतियोगी छात्र-छात्राओं का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाए।
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निराश्रित गोवंश के लिए गोवंश आश्रय स्थलों पर भूसा बैंक स्थापित किया जाए।
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टेस्टिंग क्षमता में वृद्धि के दृष्टिगत वैश्विक स्तर पर टेक्नोलाॅजी प्राप्त करने पर विचार किया जाए।
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बायो-मेडिकल वेस्ट का उचित निस्तारण सुनिश्चित करने के निर्देश।
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3 मई, 2020 के पश्चात औद्योगिक इकाइयों को किस प्रकार शुरु किया जाए, इसके लिए कार्य योजना तैयार की जाए।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लाॅकडाउन का सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि सोशल डिस्टेंसिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए। पुलिस द्वारा नियमित तौर पर पेट्रोलिंग की जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि हाॅटस्पाट क्षेत्रों में केवल स्वास्थ्य, सफाई तथा होम डिलीवरी से जुड़े कर्मी ही जाएं। हाॅटस्पाट क्षेत्रों में सभी घरों को सेनेटाइज किया जाए।
मुख्यमंत्री आज लोक भवन में आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में लाॅकडाउन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्हांेने कहा कि प्रयागराज से वापस भेजे जा रहे प्रतियोगी छात्र-छात्राओं का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाए। जनपद वाराणसी, हापुड़, रामपुर, मुजफ्फरनगर तथा अलीगढ़ में वरिष्ठ प्रशासनिक, पुलिस एवं स्वास्थ्य अधिकारी भेजे जाएं। उन्होंने कहा कि ग्रीन जोन तथा ओरंेज जोन में अनुमन्य की जाने वाली गतिविधियों के लिए एक कार्य योजना बनायी जाए। महिला स्वयं सहायता समूहों को मास्क आदि के निर्माण कार्य से जोड़ा जाए।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिये कि प्रत्येक जनपद में 15,000 से 25,000 क्षमता के क्वारंटीन सेण्टर तथा आश्रय स्थल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। शेल्टर होम में 14 दिन की संस्थागत क्वारंटीन पूरा करने वालों का चिकित्सीय परीक्षण कराके होम क्वारंटीन के लिए घर भेजा जाए। मेडिकल टेस्टिंग के लिए पूल टेस्टिंग व रैण्डम टेस्टिंग का उपयोग किया जाए। जिलाधिकारी एवं मुख्य चिकित्साधिकारी एल-1, एल-2 तथा एल-3 कोविड चिकित्सालयों, शेल्टर होम व क्वारंटीन सेन्टर का निरीक्षण करें। शेल्टर होम व क्वारंटीन सेन्टर की फूडिंग लाॅजिंग व्यवस्था पर नजर रखी जाए। उन्होेंने कहा कि शेल्टर होम को जियो टैग किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एल-1, एल-2 अस्पतालों में आॅक्सीजन की सुचारु व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाए। एल-1 श्रेणी के कोविड अस्पतालों की संख्या में वृद्धि की जाए। एल-3 कोविड अस्पतालों में बेड्स बढ़ाये जाएं। सभी चिकित्सालयों में पी0पी0ई0 किट तथा एन-95 मास्क की सुचारु उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। कोविड-19 के रोगियों के उपचार के लिए प्लाज्मा थेरेपी को बढ़ावा दिया जाए। टेस्टिंग क्षमता में वृद्धि की जाए। सभी टेस्टिंग लैब्स में पूल टेस्टिंग की व्यवस्था उपलब्ध करायी जाए। सैम्पल लेने वालों को प्रोटोकाॅल के अनुरूप प्रशिक्षण प्रदान किया जाए।टेस्टिंग क्षमता में वृद्धि के दृष्टिगत वैश्विक स्तर पर टेक्नोलाॅजी प्राप्त करने पर विचार किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना संक्रमण की प्रत्येक चेन को तोड़ना है। मेडिकल इन्फेक्शन को रोकने के लिए सभी स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाए। उन्होंने बायो-मेडिकल वेस्ट का उचित निस्तारण सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिये। उन्होंने कहा कि जनपद स्तर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी नर्सिंग होम के संचालकों तथा अन्य डाॅक्टरों के साथ बैठक करते हुए टेलीमेडिसिन के माध्यम से चिकित्सीय परामर्श उपलब्ध कराने वाले डाॅक्टरों की व्यवस्था करें। उन्होने निर्देश दिये कि दूरभाष पर मरीजों को परामर्श देने वाले डाॅक्टरों की सूची का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान समय में बड़ी मात्रा में भूसा उपलब्ध रहता है। इसके दृष्टिगत निराश्रित गोवंश के लिए गोवंश आश्रय स्थलों पर भूसा बैंक स्थापित किया जाए। 3 मई, 2020 के पश्चात औद्योगिक इकाइयों को किस प्रकार शुरु किया जाए, इसके लिए एक कार्य योजना तैयार की जाए। प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने की कार्य योजना बनायी जाए। उन्होंने कहा कि निराश्रित व्यक्ति की मृत्यु होने पर शासन द्वारा अनुमन्य राशि से दिवंगत का अन्तिम संस्कार कराया जाए।
इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री सुरेश खन्ना, स्वास्थ्य मंत्री श्री जय प्रताप सिंह, मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक सिन्हा, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त श्री आलोक टण्डन, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव राजस्व श्रीमती रेणुका कुमार, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री संजीव मित्तल, पुलिस महानिदेशक श्री हितेश सी0 अवस्थी, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डाॅ0 रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्री अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल एवं श्री संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव एम0एस0एम0ई0 श्री नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज श्री मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव खाद एवं रसद श्रीमती निवेदिता शुक्ला वर्मा, प्रमुख सचिव कृषि डाॅ0 देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव पशुपालन श्री भुवनेश कुमार, सचिव मुख्यमंत्री श्री आलोक कुमार, सूचना निदेशक श्री शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
राज्य ब्यूरो।