योगी सरकार की बड़ी योजना, 90 दिन यूपी में काम किया तो 5 लाख का बीमा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के श्रम विभाग ने प्रवासी श्रमिकों को बड़ी सौगात दी है। इसके तहत दूसरे राज्यों से आए प्रवासी श्रमिक प्रदेश में 90 दिन तक भवन निर्माण के कामों में मजदूरी कर लेंगे तो वह विभाग की उनके लिए बनाई गई कल्याणकारी योजनाओं का फायदा उठा सकेंगे।
इसके तहत श्रमिकों के बच्चों की प्राइमरी से लेकर उच्च शिक्षा तक की मुफ्त पढ़ाई, बीमारी में सहायता व पांच लाख का बीमा समेत 17 तरह की कई अन्य राहत देने वाली योजनाओं की सुविधा पा सकेंगे। ये सुविधाएं श्रम विभाग की संस्था भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की तरफ से दी जाएंगी।
90 दिन प्रदेश में काम करने के बाद जिले के श्रम अधिकारी के यहां या जनसुविधा केन्द्र पर अपना 20 रुपए में पंजीकरण और तीन साल तक 20-20 रुपए नवीनीकरण फीस, इस तरह 80 रुपए में पंजीकरण हो जाएगा। श्रमिक को 90 दिन प्रदेश में काम करने का खुद का घोषित प्रमाण पत्र देना होगा।
ये सुविधाएं भी मिलेंगी
- पंजीकृत महिला श्रमिक के संस्थागत प्रसव की दशा में निर्धारित तीन माह का न्यूनतम वेतन और एक हजार रुपए। पंजीकृत पुरुष श्रमिकों की पत्नियों को छह हजार रुपए।
- अधिकतम दो बच्चों के पैदा होने पर बच्चों के पौष्टिक आहार के लिए लड़का होने 12 हजार रुपए प्रतिवर्ष और लड़की होने की स्थिति में 15 हजार रुपए दो साल तक मिलेगा।
- पहली और दूसरी संतान लड़की होने पर 18 साल तक फिक्स्ड डिपॉजिट के लिए 25 हजार और दिव्यांग लड़की होने पर उसके नाम से 50 हजार रुपए फिक्स्ड डिपॉजिट जमा कराया जाएगा।
- श्रमिकों के दो बच्चों को कक्षा एक से लेकर उच्चतम शिक्षा के लिए हर महीने 100 रुपए से लेकर पांच हजार रुपए तक छात्रवृत्ति 25 साल तक।
- मेधावी छात्र-छात्राओं को कक्षा पांच से लेकर उच्च शिक्षा तक चार हजार से 22 हजार रुपए तक सालाना छात्रवृत्ति।
- श्रमिकों के छह से 14 साल तक के बच्चों को आवासीय विद्यालयों में निशुल्क पढ़ाई की सुविधा।
- श्रमिकों के बच्चों को व्यवसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण की रकम की प्रतिपूर्ति।
- पुत्रियों के विवाह के लिए 55 हजार और अन्तर्जातीय विवाह के लिए 61 हजार रुपए दो पुत्रियों को दिए जाएंगे।
- शौचालय के निर्माण के लिए 12 हजार और आवास पर सोलर पैनल, बैट्री, दो लाइट व पंखे की सुविधा।
- आवास के लिए जमीन लेने व मकान बनाने के लिए एक लाख की सहायता।
- श्रमिक को चिकित्सीय सुविधा के लिए तीन हजार रुपए सालाना उसके खाते में जमा की जाएगी। गंभीर बीमारी का पूर्रा खर्चा कर्मकार कल्याण बोर्ड उठाएगा।
- श्रमिक के दुर्घटनाग्रस्त होने पर अपंगता की स्थिति में आजीवन 1500 तक मासिक पेंशन।