यूपी में गहरा है नशीले कफ सिरप का सिंडीकेट, ईडी ने शुरू की जांच
प्रदेश में नशीले कफ सिरप की तस्करी का सिंडीकेट चलाने वालों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जांच शुरू कर दी है। ईडी की इंवेस्टिगेशन विंग प्रदेश के एक दर्जन जिलों समेत अन्य राज्यों में भी आरोपियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर जुटा रही हैं। साथ ही, उनका पता-ठिकाना तलाशने के साथ संरक्षण देने वाले पूर्वांचल के बाहुबलियों के बारे में भी छानबीन कर रही है। सूत्रों की मानें तो आरोपियों के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कर उनके ठिकानों को खंगाला जाएगा।
सूत्रों की मानें तो ईडी ने यूपी, मध्य प्रदेश, झारखंड आदि राज्यों में इस सिंडीकेट की जड़ें तलाशने के लिए पुलिस से संपर्क साधा है। साथ ही, एसटीएफ और खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की संयुक्त टीम द्वारा की जा रही जांच और वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट द्वारा गठित एसआईटी से भी अब तक आरोपियों के खिलाफ जुटाए गए सुबूतों की जानकारी मांगी गई है। ईडी के निशाने पर खासकर मुख्य आरोपियों में शामिल शुभम जायसवाल, अमित सिंह टाटा, बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह, विभोर राणा, विशाल सिंह, भोला जायसवाल, आसिफ, वसीम, सौरभ त्यागी समेत 50 से ज्यादा आरोपी हैं, जिनके खिलाफ वाराणसी, जौनपुर, सोनभद्र, गाजियाबाद, लखनऊ, भदोही, चंदौली, सुल्तानपुर, गाजीपुर आदि जिलों में एफआईआर दर्ज हो चुकी है। इन सभी की फर्मों के जरिए हुए लेन-देन का ब्याेरा जुटाया जा रहा है।
बाहुबलियों की कुंडली भी पता लगा रहे
ईडी के अधिकारी इस मामले में पूर्वांचल के दो बाहुबलियों और राजनेताओं की कुंडली भी खंगाल रहे हैं, जो शुभम जायसवाल को संरक्षण दे रहे थे। इनमें एक बाहुबली को शुभम द्वारा प्रोटेक्शन मनी भी देने के सुराग मिले हैं। पूर्व सांसद रह चुके इस बाहुबली की कंपनियों के जरिए हुए लेन-देन का पता भी लगाया जा रहा है। इसका जिम्मा ईडी की प्रयागराज यूनिट को सौंपा गया है। इसके अलावा खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के उन अधिकारियों का नाम भी पता लगाए जा रहे हैं, जिन्होंने इन फर्मों को लाइसेंस दिया था। इनमें एक सहायक आयुक्त की भूमिका की गहनता से जांच हो रही है।
एसआईटी तैयार कर रही गैंगचार्ट
वहीं दूसरी ओर वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट द्वारा इस प्रकरण की जांच के लिए गठित एसआईटी आरोपियों का गैंग चार्ट तैयार कर रही है, जिसके बाद उनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की जाएगी। तत्पश्चात, सभी आरोपियों द्वारा अपराध से अर्जित की गईं संपत्तियों को चिन्हित कर उन्हें जब्त किया जाएगा। वाराणसी के पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने बताया कि एसआईटी तेजी से इस मामले की जांच कर रही है। रिपोर्ट मिलने के बाद उसे शासन भेजा जाएगा।
48 घंटों में छह जिलों में 11 फर्मों पर एफआईआर
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने बीते 48 घंटे में छह जिलों में 11 फर्मों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। इन फर्मों की जांच में तमाम अनियमितताएं मिलने के बाद बीएनएस और एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज कराए गए हैं। इसमें जौनपुर की चार फर्में वान्या इंटरप्राइजेज, आकाश मेडिकल स्टोर, मनीष मेडिकल स्टोर और शिवम मेडिकल स्टोर शामिल हैं। इसके अलावा भदोही, सोनभद्र, लखीमपुर खीरी, प्रयागराज और बहराइच की फर्में भी शामिल हैं। बता दें कि विभाग द्वारा अब तक नौ जिलों में 98 एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी हैं।