पीजीआई के रेजीडेंट डॉक्टरों ने दीक्षांत समारोह का किया बहिष्कार

संजय गांधी पीजीआई के रेजीडेंट डाक्टर दीक्षा समारोह का बहिष्कार करेंगे। एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि अभी हम लोग काला फीता बांध कर विरोध दर्ज करा रहे है। इसके बाद कैंडल मार्च कर विरोध दर्ज कराएंगे यदि फैसला नहीं होता है तो हम लोग दीक्षा समारोह का बहिष्कार करेंगे। समारोह में न तो शामिल होंगे न तो उपाधि लेंगे। एसोसिएशन का कहना है कि हमने चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक को ज्ञापन दे कर अवगत करा दिया है। रेजिडेंट डॉक्टर्स सेवा विस्तार की अवधि में असिस्‍टेंट प्रोफेसर का पद दिये जाने को लेकर मंगलवार को महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा के कार्यालय में उच्चाधिकारियों से मिले थे।

रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने आज बुधवार से काली पट्टी बांध कर विरोध शुरू कर दिया है। अध्यक्ष डा. आकाश माथुर और महासचिव डा. अनिल गंगवार ने बताया कि महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा के कार्यालय में वार्ता के दौरान सभी अधिकारियों ने उनकी मांग को न्यायपूर्ण मानते हुए जल्द ही इस पर कदम उठाने का विश्वास दिलाया है। पीजीआई प्रशासन द्वारा अभी तक डीएम एमसीएच पूरा कर चुके छात्रों की सूची तथा असिस्‍टेंट प्रोफेसर के रिक्त पदों की संख्या नहीं भिजवाए जाने पर संस्थान प्रशासन के ढुलमुल रवैये पर अधिकारियों ने रोष व्यक्त किया।

 

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इन मांगों को लेकर हैं आंदोलनरत 

नेशनल मेडिकल कमीशन की एडवाइजरी के अनुरूप सेवा विस्तार की अवधि में असिस्‍टेंट प्रोफेसर बनाये जाने को लेकर आंदोलनरत हैं। उनमें इस मुद्दे पर उनके हितों के अनुरूप फैसला नहीं लिये जाने से रोष है। रेजिडेंट्स का कहना है कि वह प्रदेश में सेवा देने के इच्छुक हैं तथा ऐसा करने के लिए उन्हें उचित पद प्रदान किया जाए। यदि संस्थान प्रशासन उचित पद मुहैया नहीं करा सकता तो इन छात्रों को सेवामुक्त करे तथा सीनियर रेजिडेंट के पद के लिए विज्ञापन जारी कर नियमानुसार भर्ती करे।

 

चिकित्सा शिक्षा मंत्री से मांगा है समय

रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन  वार्ता के लिए चिकित्सा शिक्षा मंत्री एवं प्रमुख चिकित्सा शिक्षा से भी मुलाकात का वक्‍त मांगा गया है, लेकिन विधानमंडल सत्र चलने के कारण अभी तक मुलाकात का वक़्त नहीं मिल सका हैं। उम्मीद है कि जल्द ही उच्च स्तरीय वार्ता कर समस्या का समाधान शासन की मध्यस्थता से किया जाएगा।

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