अखाड़ा परिषद अध्यक्ष के मौत के मामले में शिष्य आनंद गिरी सहित तीन को पुलिस ने किया गिरफ्तार 

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध मौत के मामले में पुलिस ने उनके शिष्य योग गुरु आनंद गिरी और संगम स्थित लेटे हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी आद्या तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी हो हिरासत में ले लिया है। तीनों से कड़ी पूछताछ की जा रही है। महंत नरेंद्र गिरी ने अपने सुसाइड नोट में इन तीनों का उल्लेख किया है और लिखा था कि इनके द्वारा परेशान करने के चलते वह मानसिक रूप से काफी परेशान चल रहे हैं। उन्हें सम्मान से जीने नहीं दिया जा रहा है।

प्रयागराज पुलिस ने जार्जटाउन थाने में आनंद गिरी के खिलाफ धारा 306 यानी आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में मुकदमा दर्ज किया है। इसी धारा में अन्य दोनों आरोपियों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है।

सुसाइड नोट बरामद, अपने शिष्य पर परेशान करने का  लगाया आरोप
महंत नरेंद्र गिरि ने सोमवार को संदिग्ध परिस्थितियों में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। उनका शव अल्लापुर स्थित बाघंबरी मठ स्थित उनके आवास में मिला। शाम को सूचना मिलते ही हड़कंप मच गया। पुलिस ने सूचना मिलते ही मठ को सीज कर दिया। जिले के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए थे। वहां से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है जिसमें उन्होंने अपने शिष्य आनंद गिरि पर परेशान करने का आरोप लगाया है। वहीं दूसरी आरे महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। इसके साथ ही उन्होंने अपनी वसीयत की जानकारी भी इसी में दी। पुलिस का इस संबंध में कहना है कि वो अभी इसे विस्तार से देख रहे हैं और उसके बाद ही स्थिति को साफ किया जा सकेगा।

आनंद गिरि ने खुद को बताया बेकसूर, बोले गुरू जी की हुई है हत्या
हिरासत में लिए जाने के पहले आनंद गिरि मीडिया के सामने आए और उन्होंने कहा कि इस बात में उन्हें कोई शक नहीं कि उनके गुरू  महंत नरेंद्र गिरि की हत्या की गई है। इसमें कौन लोग शामिल है, इस बात का खुलासा होना चाहिए। कई लोग ऐसे हैं जिन पर उन्हें शक है और सच्चाई सामने आनी चाहिए। मैं अगर दोषी पाया जाता हूं तो फिर मुझे भी सजा मिलनी चाहिए।

सूचना पर जिले के सभी आलाधिकारी मौके पर
संगम स्थित बड़े हनुमान मंदिर के मुख्य व्यवस्थापक और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि अल्लापुर स्थित बाघंबरी मठ स्थित आवास में रहते थे। सोमवार की शाम सेवादार उनके कमरे में पहुंचा तो उसके होश उड़ गए। महंत नरेंद्र गिरि का शव फांसी पर लटक रहा था। पूरे मठ में हड़कंप मच गया। सूचना पर जिले के सभी आलाधिकारी मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने मठ को सीज कर दिया था।

शिष्य आनंद गिरि से विवाद के बाद चर्चा में आए
मौके पर फोरेंसिक टीम और फील्ड यूनिट भी जांच कर रही थी। डीएम ने लखनऊ में उच्चाधिकारियों को प्रारंभिक सूचना से अवगत कराया। महंत नरेंद्र गिरि हाल में ही अपने शिष्य आनंद गिरि से विवाद में चर्चा में आए थे। हालांकि वह विवाद आनंद गिरि के माफी मांगने के बाद खत्म हो गया था लेकिन मठ और मंदिर में आनंद का प्रवेश नहीं हो पाया था। इसके अलावा जाहिरा तौर पर कोई बड़ा विवाद अभी सामने नहीं आया।

महंत गिरी की मौत दुखद, जांच की जरूरत: इंद्रेश कुमार
नरेंद्र गिरी की मौत पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार ने गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने महंत नरेंद्र गिरी की मौत को काफी दुखद एवं विचलित करने वाला बताया। इंद्रेश कुमार ने कहा कि आध्यात्मिक परंपराओं के प्रति समर्पित रहते हुए महंत गिरी ने संत समाज की अनेक धाराओं को एक साथ जोड़ने में बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रभु उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दें। साथ ही साथ वरिष्ठ आरएसएस नेता ने महंत गिरी की विवादास्पद मौत पर सवाल उठाते हुए जांच कराए जाने की जरूरत बताया।

 

 

 

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