प्रवासी श्रमिकों एवं कामगारों को सुरक्षित वापस लाएगी सरकार : सीएम

वापस आने के लिए पैदल यात्रा न करने की अपील की

  • अपने प्रवासी श्रमिकों एवं कामगारों की सुरक्षित वापसी के लिए प्रदेश सरकार सम्बन्धित राज्य सरकारों से सम्पर्क में

  • अन्य राज्यों से प्रदेश के प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को वापस लाने के लिए प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए

  • प्रदेश के बाॅर्डर को पूरी तरह सील किया जाए, सीमावर्ती क्षेत्रों में सतर्कता बरती जाए

  • 10 लाख लोगों के लिए तत्काल क्वारंटीन सेन्टर/शेल्टर होम तथा कम्युनिटी किचन तैयार किये जाएं

  • नोएडा के साथ ही दिल्ली से भी उत्तर प्रदेश के छात्र-छात्राओं को वापस लाने के लिए वहां की सरकार से सम्पर्क किया जाए

  • अतिरिक्त वेंटिलेटर्स की तात्कालिक आवश्यकता होने पर पोर्टेबल वेंटिलेटर्स मंगाए जाएं

  • प्रवासी श्रमिकों की सुगमता से जांच के लिए सभी जनपदों में इन्फ्रा-रेड थर्मामीटर उपलब्ध कराए जाएं

  • पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय, मथुरा तथा लखनऊ स्थित सी0डी0 आर0आई0, आई0आई0टी0आर0 तथा बी0एस0आई0पी0 की टेस्टिंग क्षमता के उपयोग पर विचार किया जाए

  • कोविड-19 से प्रभावित आर्थिक गतिविधियां के दृष्टिगत राजस्व के वैकल्पिक स्रोतों मेें वृद्धि करनी पड़ेगी

  • ‘कैश फ्लो’ में वृद्धि के लिए योजना बनाकर कार्यवाही किये जाने पर बल

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अन्य राज्यों में स्थित उत्तर प्रदेश के प्रवासी कामगारों/श्रमिकों से घर वापस आने के लिए पैदल यात्रा न करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि अपने प्रवासी श्रमिकों एवं कामगारों की सुरक्षित वापसी के लिए प्रदेश सरकार सम्बन्धित राज्य सरकारों से सम्पर्क में है। प्रदेश सरकार ने सम्बन्धित राज्य सरकारों से प्रवासी श्रमिकों के नाम, पते, टेलीफोन नम्बर तथा स्वास्थ्य परीक्षण की स्थिति सहित सम्पूर्ण विवरण उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है, ताकि उनकी सुरक्षित वापसी की कार्य योजना को आगे बढ़ाया जा सके।

मुख्यमंत्री आज यहां लोक भवन में आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में लाॅकडाउन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अब तक दिल्ली से लगभग 04 लाख प्रवासी श्रमिक एवं कामगार, हरियाणा से 12 हजार श्रमिक, कोटा राजस्थान से साढे़ ग्यारह हजार छात्रों की प्रदेश में सुरक्षित वापसी हो चुकी है। इसी प्रकार प्रयागराज में अध्ययनरत 15 हजार से अधिक प्रतियोगी छात्रों को प्रदेश के विभिन्न जनपदों में सुरक्षित उनके घर भेजा गया है। उन्होंने निर्देश दिये कि इसी प्रकार अन्य राज्यों से प्रदेश के प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को वापस लाने के लिए प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश वापसी से पूर्व, प्रवासी श्रमिकों का अनिवार्य रूप से स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जाए।

मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिये कि प्रदेश के बाॅर्डर को पूरी तरह सील किया जाए। सीमावर्ती क्षेत्रों में सतर्कता बरती जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि नेपाल राष्ट्र सहित अन्य राज्यों से बगैर अनुमति कोई प्रदेश में आने न पाये। उन्होंने कहा कि 10 लाख लोगों के लिए तत्काल क्वारंटीन सेन्टर/शेल्टर होम तथा कम्युनिटी किचन तैयार किये जाएं, जहां आने वाले प्रवासी मजदूरों को तात्कालिक रूप से रखा जा सके। क्वारंटीन सेन्टर/शेल्टर होम स्थापना के लिए बड़े काॅलेजों का उपयोग किया जाए। इनमें कम्युनिटी किचन, शौचालय व सुरक्षा सहित सभी जरूरी सुविधाएं अवश्य उपलब्ध रहनी चाहिए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि होम क्वारंटीन किये गये लोगों की निगरानी के लिए निगरानी समितियां गठित की जाएं। इन समितियों में युवक मंगल दल, नेहरू युवा केन्द्र, एन0एस0एस0, एन0सी0सी0 आदि का सहयोग लिया जाए। भोजन तैयार करने में भी महिला स्वयंसेवी समूहों को जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि क्वारंटीन सेन्टर/शेल्टर होम से प्रवासी श्रमिकों को स्वास्थ्य परीक्षण के उपरान्त घर भेजा जाए। घर भेजते समय सभी श्रमिकों को राशन की किट उपलब्ध करायी जाए।

मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिये कि नोएडा के साथ दिल्ली से भी उत्तर प्रदेश के छात्र-छात्राओं को वापस लाने के लिए वहां की सरकार से सम्पर्क किया जाए। उन्होंने कहा कि नोएडा, गाजियाबाद तथा अलीगढ़ से प्रदेश के विभिन्न जनपदों में वापस जाने वाले छात्रों की सूची तैयार करायी जाए। इन छात्रों का स्वास्थ्य परीक्षण कराते हुए उन्हें घर भेजने की व्यवस्था की जाए। इन जनपदों मंे अध्ययनरत अन्य राज्यों के छात्रों की सूची तैयार करते हुए इन्हें इनके गृह राज्य वापस भेजने के लिए सम्बन्धित प्रदेश सरकार से सम्पर्क किया जाए। इस कार्यवाही को सम्पन्न करने के लिए एक कार्य योजना तैयार की जाए।

मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिये कि लाॅजिस्टिक्स की दैनिक समीक्षा की जाए। भारत सरकार के मानकों के अनुरूप पी0पी0ई0 किट, एन-95 मास्क सहित विभिन्न सुरक्षा उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अतिरिक्त वेंटिलेटर्स की तात्कालिक आवश्यकता होने पर पोर्टेबल वेंटिलेटर्स मंगाए जाएं। सभी जनपदों में इन्फ्रा-रेड थर्मामीटर उपलब्ध कराए जाएं, ताकि प्रवासी श्रमिकों की सुगमता से जांच की जा सके। एल-2 अस्पताल में प्रत्येक बेड पर आॅक्सीजन तथा एल-3 चिकित्सालय में प्रत्येक बेड पर वेंटिलेटर की व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 का उपचार करने में सक्षम निजी चिकित्सालयों को उपचार की अनुमति दी जाए। यदि कोई रोगी ऐसे अस्पतालों में अपना इलाज कराना चाहता है तो उसके लिखित अनुरोध पर प्राइवेट/काॅरपोरेट चिकित्सालय में इलाज की स्वीकृति प्रदान की जाए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि टेस्टिंग के लिए प्रदेश में उपलब्ध समस्त संसाधनों का उपयोग किया जाए। इसके दृष्टिगत पं0 दीन दयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गौ-अनुसंधान संस्थान, मथुरा तथा लखनऊ स्थित केन्द्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सी0डी0आर0आई0), भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान (आई0आई0टी0आर0) तथा बीरबल साहनी पुराविज्ञान संस्थान (बी0एस0आई0पी0) जैसे उच्चस्तरीय शोध संस्थानों की टेस्टिंग क्षमता का उपयोग करने पर विचार किया जाए। उन्होंने कहा कि जनपद सहारनपुर में एक लैब क्रियाशील की जानी चाहिए। प्रत्येक मण्डल मुख्यालय पर टेस्टिंग लैब स्थापित होनी चाहिए। प्रयास यह होना चाहिए कि आगामी एक सप्ताह में उत्तर प्रदेश टेस्टिंग क्षमता की दृष्टि से देश का नम्बर वन राज्य बन जाए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आयुष के चिकित्सकों, नर्सिंग तथा पैरामेडिकल के विद्यार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाए, ताकि आवश्यकता पड़ने पर इनकी सेवाएं भी प्राप्त की जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश के एल-1, एल-2 तथा एल-3 कोविड चिकित्सालयों में 52 हजार बेड की व्यवस्था करते हुए, इसे चरणबद्ध रूप से बढ़ाकर 01 लाख बेड किया जाना है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोविड-19 से आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं। इसलिए राजस्व के वैकल्पिक स्रोतों मेें वृद्धि करनी पड़ेगी। इसके दृष्टिगत फ्री-होल्ड की कार्यवाही की जाए। इसके लिए एक कमेटी गठित कर इस कार्य को तेजी प्रदान की जाए। उन्होंने ‘कैश फ्लो’ में वृद्धि के लिए योजना बनाकर कार्यवाही किये जाने पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि निवेश बढ़ाने के लिए आकर्षक नीति तैयार की जाए।

मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिये कि प्रत्येक खाद्यान्न गोदाम में एक अधिकारी तैनात किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक राशन की दुकान पर भी एक अधिकारी की तैनाती की जानी चाहिए, जो यह सुनिश्चित करे कि वहां सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह पालन हो तथा किसी भी दशा में घटतौली न होेने पाए। उन्होंने कहा कि मण्डी पूरे दिन खुली रहे, जिससे वहां भीड़ एकत्र न होने पाये तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी हो सके।

इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री सुरेश खन्ना, स्वास्थ्य मंत्री श्री जय प्रताप सिंह, स्वास्थ्य राज्यमंत्री श्री अतुल गर्ग, मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक सिन्हा, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त श्री आलोक टण्डन, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव राजस्व श्रीमती रेणुका कुमार, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री संजीव मित्तल, पुलिस महानिदेशक श्री हितेश सी0 अवस्थी, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डाॅ0 रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्री अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल एवं श्री संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव एम0एस0एम0ई0 श्री नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज श्री मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव खाद एवं रसद श्रीमती निवेदिता शुक्ला वर्मा, प्रमुख सचिव कृषि डाॅ0 देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव पशुपालन श्री भुवनेश कुमार, सचिव मुख्यमंत्री श्री आलोक कुमार, सूचना निदेशक श्री शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

राज्य ब्यूरो।

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