आतंकवाद पर भारत ने UN में पाकिस्तान और चीन को लताड़ा
नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दुनिया से आतंकवाद के खिलाफ बिना किसी किंतु-परन्तु के निर्णायक कार्रवाई का आह्वान किया है। यूएन में अपने संबोधन के दौरान जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस की जरूरत है। एस जयशंकर ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के लिए आतंकवाद के खतरे को संबोधित करने और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए आठ सूत्रीय एजेंडा दिया। संकल्प 1373 (2001) को अनुमोदित करने के 20 साल बाद आतंकवाद का मुकाबला करने में अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर एक वीडियो सम्मेलन में विदेश मंत्री ने कहा, ‘यह समय है कि सभी राष्ट्र बात करें और आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता के लक्ष्य के लिए अपनी भूमिका का निर्वाह करें। इस लड़ाई में दोहरे मानदंड नहीं होने चाहिए। आतंकवादी आतंकवादी हैं। कोई भी अच्छा या बुरा आतंकवाद नहीं है, जो लोग इस भेद को प्रचारित करते हैं उनका एक एजेंडा है और जो लोग उनके लिए संरक्षण प्रदान करते हैं वे भी अपराधी हैं। यूएनएससी प्रस्ताव 1373 को 28 सितंबर, 2001 को न्यूयॉर्क में 9/11 हमले के बाद अपनाया गया था। यह संयुक्त राष्ट्र के सदस्य राज्यों से आह्वान करता है कि वे घरेलू और दुनिया भर में आतंकवाद को रोकने और उससे निपटने के उपायों को लागू करें।
विदेश मंत्री ने पाकिस्तान और चीन दोनों को इशारों में नसीहत दी। संयुक्त राष्ट्र में विदेश मंत्री ने पाकिस्तान को यह कहते हुए फटकार लगाई कि ऐसे अन्य राज्य भी हैं, जो स्पष्ट रूप से सहायता और आतंकवाद का समर्थन करने के दोषी हैं। ये आतंकवादियों को जानबूझकर वित्तीय सहायता और सुरक्षित स्थान मुहैया कराते हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को उन्हें जवाबदेह ठहराना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र की 1267 समिति ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों के रूप में पाकिस्तानियों की सबसे बड़ी संख्या को सूचीबद्ध किया है। इनमें मसूद अजहर, हाफिज सईद, जकी उर रहमान लखवी शामिल हैं, जिनमें से कई भारत में आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार हैं। इसमें 26/11 मुंबई आतंकवादी हमला भी शामिल है।