टेक कंपनी गूगल की ओर से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चैटबॉट बार्ड को किया गया पेश..

गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने बीते हफ्ते ही एआई आधारित चैटबॉट बार्ड पेश किया है। बार्ड की टेस्टिंग में यह मॉडल सारे सवालों के जवाब सही ना दे पाया जिसके बाद कंपनी के कर्मचारी भी सीईओ से खासे नाराज हैं।

 बीते हफ्ते ही टेक कंपनी गूगल की ओर से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चैटबॉट बार्ड को पेश किया गया। खुद कंपनी के सीईओ सुंदर पिचाई गूगल के चैटजीपीटी जैसे चैटबॉट को लेकर सामने आए। हालांकि इसके कुछ घंटों के बाद ही बार्ड की टेस्टिंग हुई जहां चैटबॉट सारे सवालों के जवाब देने में असफल रहा।

इस घटनाक्रम के बाद से ही गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई की हर ओर से खिंचाई हो रही है। हर किसी को सीईओ का फैसला जल्दबाजी भरा लग रहा है। यहां तक कि कंपनी के कर्मचारी खुद इस बात को लेकर सुंदर पिचाई से नाराज नजर आ रहे हैं।

एक रिपोर्ट की मानें तो गूगल के कर्मचारियों ने सुंदर पिचाई के इस फैसले पर नाराजगी जताई है। गूगल के कर्मचारियों ने इसे सीईओ की जल्दबाजी माना है। यही नहीं कर्मचारियों ने सीईओ की खिंचाई करते हुए बार्ड की पेशी को गलत और अनगूगली भी कहा है।

गूगल सीईओ को मिल रही ये सलाह

इतना ही नहीं कर्मचारियों के ले- ऑफ को भी इस मामले में टारगेट किया गया है। सुंदर पिचाई को कहा गया है कि, उनके कर्मचारियों की छंटनी और बार्ड को लाने जैसे फैसले दूरदर्शी नहीं थे। उन्हें सलाह दी गई है कि वे अपने पुराने दीर्घकालिक दृष्टिकोण पर वापिस आएं।

चार में से तीन सवालों के ही जवाब सही दे पाया था बार्ड

दरअसल सुंदर पिचाई ने कंपनी के पहले आर्टिफिशियल चैटबॉट बार्ड को 7 फरवरी को पेश किया था। हालांकि बार्ड को आम जनता के लिए अभी तक पेश नहीं किया गया है। शुरुआती फेज़ में बार्ड केवल कंपनी के कुछ खास यूजर्स के लिए पेश किया गया था।

जब बार्ड की टेस्टिंग हुई थी यह चार में से एक सवाल का सही जवाब ना दे पाया। हालांकि बार्ड के बाद ही माइक्रोसॉफ्ट ने भी अपने सर्चिंग टूल्स बिंग और ब्राउजर को नए रूप में पेश किया था। ऐसे में बार्ड गूगल की ओर से चैटजीपीटी के कॉम्पटीटर के रूप में देखा जा रहा था।

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