रिम्स के पेइंग वार्ड के ऊपर से कोरोना आइसोलेशन वार्ड हटाने की मांग हुई तेज

Lalu Prasad Yadav रांची के रिम्स में इलाजरत चारा घोटाला के चार मामलों के सजायाफ्ता  राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को डॉक्टरों ने कोरोना से बचाव के मद्देनजर मुलाकातियों से कम से कम एक मीटर की दूरी बनाकर रहने की सलाह दी है। उन्हें हमेशा हाथ धोने और सैनिटाइजर का उपयोग करने को भी कहा गया है। वहीं शनिवार को उनसे मिलने आए राजद नेताओं ने लालू के स्वास्थ्य को देखते हुए रिम्स के पेइंग वार्ड के ऊपर से कोरोना आइसोलेशन वार्ड हटाने की मांग की।

शनिवार को रिम्‍स में लालू की देखरेख करने वाले चिकित्‍सक डॉ.उमेश प्रसाद ने लालू का मेडिकल बुलेटिन जारी करते हुए कहा कि लालू का ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर और किडनी फंक्शिनिंग सामान्य है। कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि यह वायरस वैसे लोगों को ज्यादा इफेक्ट कर रहा है जिनकी उम्र 50 से ज्यादा है। लालू प्रसाद यादव की उम्र 70 से ज्यादा है और उन्हें जहां रखा गया है उसके ऊपर ही आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। इससे उन्हें संक्रमण से बचने के प्रति ज्यादा सचेत रहने की जरूरत है। डॉ. उमेश प्रसाद ने कहा कि एहतियात ही कोरोना वायरस का सबसे पहला उपचार है।

आइसोलेशन वार्ड को कहीं और शिफ्ट करने की मांग

राजद सु्प्रीमो लालू प्रसाद यादव से शनिवार को राजद नेता दिलीप कुमार, बिहार राजद महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश उपाध्यक्ष रेणु कुमारी व प्रदेश महासचिव बबीता यादव ने मुलाकात की। मुलाकात के बाद रेणु कुमारी ने राजद सुप्रीमो के स्वास्थ्य पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि दलितों, पिछड़ों व शोषितों के नेता के स्वास्थ्य की सभी को चिंता रहती है। उन्होंने जेल प्रशासन से मांग की है कि लालू को बेहतर इलाज के लिए बगैर देर किए एम्स भेजना चाहिए। वहीं उनके वार्ड के ऊपरी तल्ले में क्वारंटाइन वार्ड बनाने पर विरोध जताया।

मेडिकल बोर्ड ने खारिज कर दी है एम्‍स भेजे जाने की मांग

इससे पहले लालू की देखरेख कर रहे डॉ उमेश प्रसाद की मांग पर रिम्‍स प्रबंधन की ओर से बनाए गए मेडिकल बोर्ड ने लालू को बेहतर इलाज के लिए एम्‍स, दिल्‍ली भेजने की मांग खारिज कर चुका है। तब मेडिकल बोर्ड ने लालू के हेल्‍थ रिपोर्ट की गहन समीक्षा की और रिम्‍स में हो रहे इलाज पर संतोष जताया था। लालू की क्रॉनिक किडनी स्‍टेज थ्री बीमारी को लेकर विशेषज्ञ नेफ्रालॉजिस्‍ट से सलाह लेने की अनुशंसा मेडिकल बोर्ड ने की है।

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