राज्यपाल की अध्यक्षता में अयोध्या का 25वाँ दीक्षांत समारोह सम्पन्न

 लखनऊ: 30 नवम्बर, 2023

प्रदेश की राज्यपाल व कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आज आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कुमारगंज, अयोध्या का 25वाँ दीक्षांत समारोह सम्पन्न हुआ। राज्यपाल जी ने कलश में जलधारा अर्पण करके जल संरक्षण के संदेश के साथ दीक्षांत समारोह का शुभारम्भ किया। समारोह में राज्यपाल जी ने विश्वविद्यालय के 26 मेधावियों को स्वर्ण पदक प्रदान किया। राज्यपाल जी द्वारा कुलाधिपति स्वर्ण पदक 07, कुलपति स्वर्ण पदक 11 तथा विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक 08 मेधावियों को प्रदान किया गया, जिसमें स्नातक स्तर पर 05 विद्यार्थियों को व स्नातकोत्तर एवं पीएचडी स्तर पर 1-1 विद्यार्थी को कुलाधिपति स्वर्ण पदक दिया गया। 11 मेधावियों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए कुलपति स्वर्ण पदक दिया गया, जिसमें स्नातक के 07, स्नातकोत्तर के 03 व पीएचडी का 01 विद्यार्थी शामिल है।

समारोह में कृषि विश्वविद्यालय द्वारा संचालित विभिन्न महाविद्यालयों एवं मुख्य परिसर को मिलाकर स्नातक, परास्नातक एवं पीएचडी के कुल 597 छात्र-छात्राओं को उपाधि दी गई। जिसमें स्नातक के कुल 343, परास्नातक के 209 तथा पीएचडी के कुल 45 छात्र-छात्राओं को उपाधियां दी गईं। कुलाधिपति जी  की मौजूदगी में ही 597 उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं के प्रमाण-पत्रों को को भारत सरकार के डिजी लॉकर में अपलोड कर दिया गया।

इस अवसर पर में राज्यपाल जी ने सभी उपाधि प्राप्त कर्ताओं, स्वर्ण पदक तथा शोध उपाधि पाये विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देकर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए सभी को दीक्षांत समारोह की शुभकामनाएं दी।

समारोह को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल जी ने कहा कि  डिजीलॉकर पर डिग्रियां अपलोड होने से कोई धोखाधड़ी नहीं हो सकेगी। उन्हांेने कहा की पहले के समय में लोग पैसा देकर डिग्री बनवा लेते थे लेकिन आज के आधुनिक समय में ऐसा संभव नहीं है। विद्यार्थी अब कभी भी अपनी डिग्री डिजी लॉकर से हासिल कर सकते हैं। उन्होंने पदक व उपाधि पाने वाले विद्यार्थियों को बधाई दी। विश्वविद्यालय के नैक मूल्यांकन में प्रतिभाग पर उन्होंने कहा कि ‘ए प्लस प्लस‘ ग्रेड आने से विश्वविद्यालय को जो सहायता मिलती है

उसकी कल्पना किसी ने नहीं किया होगा। उन्होंने कहा की नैक मूल्यांकन के दौरान पूरे विश्वविद्यालय परिवार को मिलकर अपने कार्यों को सामने रखना होगा। कुलाधिपति जी ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में नंबर एक का दर्जा पाने के लिए कड़ी मेहनत करने की जरूरत है। स्वर्ण पदक पाने वालों में से 46 प्रतिशत महिलाएं हैं जो महिला सशक्तीकरण का उदाहरण हैं। पुरुषों को भी महिलाओं की तरह सशक्त बनना होगा। मिलावटी चीजों पर दुःख व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि बीज, घी, आटा में मिलावट और फल और सब्जियों में इंजेक्शन दिया जा रहा है, जिससे मनुष्यों का कई प्रकार की बीमारियां फैल रही है। अधिकतर इंसान को समय से पहले हार्टअटैक से मौत हो रही है। उन्होंने पदक व उपाधि पाने वाले छात्र-छात्राओं को शपथ दिलाई कि वे कभी किसी वस्तु में मिलावट नहीं करेंगे और न ही करने देंगे यह उनके लिए सच्चा गोल्ड मेडल होगा। उन्होंने कहा कि आज की टेक्नोलॉजी इतनी तेजी के साथ काम कर रही है जिसके साथ हमारे युवा आगे चल सकते हैं।

राज्यपाल जी ने कहा कि कुपोषण को दूर भगाने का सबसे सही तरीका श्रीअन्न है। स्कूली बच्चों को श्री अन्न दिए जाने पर कुलाधिपति ने प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने जनजाति के लोगों को आधुनिक समाज से जुड़कर प्रगति करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि इस समाज के छात्र-छात्राओं को 12वीं तक की पढ़ाई साइंस और मैथ साइड से करनी होगी जिससे कि वे आगे चलकर मेडिकल लाइन में जाएं और डॉक्टर बनें। कुलाधिपति ने अपने सम्बोधन में कम पानी में तैयार होने वाली फसल पर काम करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि कृषि सहकारिता एवं कृषक कल्याण भारत सरकार के पूर्व सचिव, के. सी पटनायक ने कहा कि छात्र-छात्राओं के सर्वांगीण विकास के लिए गुणवत्ता युक्त शिक्षा देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आज के समय में छात्र- छात्राओं को नौकरी के लिए कार्य नहीं बल्कि दूसरों को रोजगार देने के लिए कार्य करना होगा। वर्तमान समय में हमें  विज्ञान को समाज से जोड़ने की जरूरत है। एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण और नवाचारों की आवश्यकता है जो कृषि के क्षेत्र में लचीलापन ला सके।

समारोह के विशिष्ट अतिथि कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान राज्यमंत्री, बलदेव सिंह औलख ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में पर्याप्त संभावनाएं हैं। सरकार किसानों के उत्थान के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। कृषि के विकास में रणनीति बनाकर सभी को एक साथ कार्य करना होगा। श्री औलख ने कहा कि किसानों को बड़े पैमाने पर श्रीअन्न की खेती करनी चाहिए। श्रीअन्न का प्रयोग करने से इंसान के अंदर कई बीमारियां अपने आप खत्म हो जाती हैं।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो0 बिजेन्द्र सिंह ने समारोह में राज्यपाल जी के समक्ष विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत की।

राज्यपाल जी ने वितरित की 30 आंगनवाड़ी किट, 7 मुख्य सेविकाओं का किया सम्मान
           कार्यक्रम में आंगनवाड़ी केन्द्रों को सुसज्जित करने हेतु राज्यपाल जी ने 30 आंगनवाड़ी किट वितरित की। राज्यपाल जी इससे पूर्व प्रदेश में आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु अब तक 7540 किट वितरित कर चुकी हैं। उन्होंने अयोध्या और सुल्तानपुर जनपद की 7 आंगनवाड़ी मुख्य सेविकाओं को सम्मानित भी किया।
         दीक्षांत समारोह में प्रदेश की राज्यपाल जी द्वारा में प्राथमिक विद्यालय से प्रतिभाग कर रहे 30 बच्चों को पठन-पाठन एवं श्रीअन्न से निर्मित पौष्टिक सामग्री के व्यंजन और मिठाई प्रदान की।
पहली बार थारू जनजाति के बच्चों को भी मिला सम्मान

राज्यपाल जी ने विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहे थारू जनजाति के 10 छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया और उनसे बातचीत भी। उन्होंने बच्चों से विश्वविद्यालय में पढ़ाई की गुणवत्ता के बारे में भी जानकारी ली
राज्यपाल जी ने 7 प्रगतिशील किसानों को किया सम्मानित
       अलग-अलग सात जिलों से आए सात प्रगतिशील किसानों को कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने अपने हाथों से सम्मानित किया। जिसमें नवल किशोर गोरखपुर, सोनी देवी आजमगढ़, जगदेव पिता श्रावस्ती, विद्यापति मौर्य सोनभद्र, कमलेश सिंह वाराणसी, रघुनाथ सिंह बस्ती व अयोध्या से सुनीता सिंह शामिल रही।
छात्रों के सर्वांगीण विकास हेतु राज्यपाल ने स्कूली शिक्षकों को दी 2000 पुस्तकें
        राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राज भवन से 2000 पुस्तक स्कूली शिक्षकों को दी। जिसे लाइब्रेरी मैं रखा जाएगा और बच्चे उसे पढ़कर ज्ञान अर्जित कर सकेंगे। राज्यपाल जी द्वारा छात्र-छात्राओं के सर्वांगीण विकास हेतु ये पहल की गई है।
इस अवसर पर समारोह में स्थानीय अतिथिगण, जनप्रतिनिधि, कार्य परिषद एवं विद्या परिषद के सदस्यगण, अधिकारी एवं शिक्षक गण तथा विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button